लाला लाजपतराय को याद किया, एकता की शपथ ली
प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 2
जागरण संवाददाता, पानीपत : एसडी पीजी कालेज की एनएसएस यूनिट ने लाला लाजपत राय के जयंती पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया। प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने छात्र-छात्राओं को लाला लाजपत राय के जीवन और उनके द्वारा देश के लिए की गई कुर्बानियों को याद किया। लाला लाजपत राय के चित्र पर मालाएं चढ़ाई गई।
प्राचार्य डा. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को हुआ। इन्होंने कुछ समय हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों में वकालत की। जल्द ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता बन गए। बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना गया। इन्हीं तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की। इसके साथ बाद में समूचा देश जुड़ गया। लालाजी ने स्वामी दयानंद सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया।
30 अक्टूबर 1928 को इन्होंने लाहौर में साइमन कमीशन के विरुद्ध आयोजित एक विशाल प्रदर्शन में हिस्सा लिया। लाठीचार्ज में लालाजी बुरी तरह से घायल हो गए। उस समय लालाजी ने कहा था कि मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी। ऐसा हुआ भी। लालाजी के बलिदान के 20 साल के भीतर ही ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य भारत में सदा के लिए अस्त हो गया। लाला लाजपत राय एक क्रांतिकारी देशभक्त के साथ-साथ एक साहित्यकार भी थे। उन्होंने हिदी में शिवाजी, श्रीकृष्ण और कई महापुरुषों की जीवनियां लिखीं। इस अवसर पर एनएसएस प्रभारी डा. राकेश गर्ग, डा. संतोष कुमारी, डा. एसके वर्मा, प्रो. वीरेंद्र गिल, दीपक मित्तल भी उपस्थित रहे।