राहत भरी खबर, कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरा, अंबाला में 95 फीसद बेड भी खाली
अंबाला के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अंबाला में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने लगा है। इस वजह से आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन बेड भी 95 फीसद खाली हो गए हैं। अंबाला में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने लगा है।
अंबाला, जागरण संवाददाता। अंबाला में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरने लगा है। इस वजह से आइसोलेशन वार्ड में ऑक्सीजन बेड भी 95 फीसद खाली हो गए हैं। वहीं अप्रैल और मई में कोरोन संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन बेड का संकट होने लगा था। इसलिए कोरोना संक्रमित मरीजों की सुविधा के लिए आइसोलेशन वार्ड में बेड भी बढ़ाए गए। जुलाई में अब तक एक भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई। 6 जुलाई को कोरोना का जिले में एक भी संक्रमित मरीज नहीं मिला और सक्रिय मरीज की संख्या 29 तक सीमित होकर रह गई।
मालूम हो कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अप्रैल और मई में कोरेाना संक्रमित मरीजों का ग्राफ तेजी से बढा़ था। इस दौरान एक दिन 600 तक कोरोना पॉजिटिव मिले। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने आइसोलेशन वार्ड में बेडों की संख्या को बढ़ा दिया है। यहां पर कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 150 बेड कर दिए हैं।इसके बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बेड क संकट बना रहता था।
अंबाला में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 1057 बेड हैं। इसमें 739 ऑक्सीजन और 158 बगैर ऑक्सीजन बेड हैं। जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों में 150 सक्रिय मरीजों को इलाज के लिए आइसोलेट किया है। अंबाला में 605 सक्रिय मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल और होम आइसोलेट किया है, जबकि मई में 5054 तक भी सक्रिय मरीज रहे हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों के वेंटिलेटर फुल हो गए थे, और ऑक्सीजन सपोर्ट बेडों का संकट होने लगा था। इसलिए इमरजेंसी के लिए रोडवेज की पांच बसों को एंबूलेंस में बदला गया था। अब जुलाई में 95 फीसद से अधिक बेड खाली हो चुके हैं। जुलाई के 6 तारीख में जिले में कोई भी कोरोना का मरीज नहीं मिला और संक्रिय मरीजों की संख्या 29 तक सीमित हो गई। इस संबंध में सीएमओ डा. कुलदीप सिंह ने बताया कि अंबाला में कोरोना संक्रमित मरीजों का ग्राफ गिरा है। इस वजह से अस्पताल में ऑक्सीजन बेड भी खाली होने लगे हैं।
अंबाला में गांव और शहर में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए करीब साढ़े तीन हजार नमूने लेने का काम किया जाता है। इसमें गांव में ढाई हजार नमूने लेने का काम किया जाता है। गांव में डोर-टू-डोर घरों का सर्वे किया जा रहा है। इस दौरान फ्लू के लक्षण होने पर कोरोना की जांच के लिए नमूने लेने का काम किया जाता है।