विदेश में कद्रदानों के किचन में जल्द महकेगा बासमती, अटके पड़े थे चावल के हजारों कंटेनर
चावल निर्यातकों के लिए राहत की बात है। किसान आंदोलन के कारण पंजाब से विदेशों में जाने वाले बासमती चावल के हजारों कंटेनर अटके पड़े । किसानों के ट्रैक खाली करने के बाद पंजाब जाने के लिए बीच में खड़ीं 200 मालगाडिय़ां दौडऩे लगेंगी।
पानीपत/अंबाला, [दीपक बहल]। पंजाब में किसानों के पटरी पर जमे होने के कारण अब तक रेलवे की व्यवस्था बेपटरी थी। खाद, कोयला और जरूरी वस्तुओं से लदीं 200 मालगाडिय़ां अन्य स्टेशनों पर खड़ी थीं। रेलवे का मानना है कि करीब सप्ताह इन गाडिय़ों को खाली करने में लगेगा। त्योहारी सीजन में कुछ अतिरिक्त यात्री ट्रेनें भी दौड़ाने की योजना रेलवे की थी, लेकिन छठ पूजा का त्योहार निकल जाने के कारण पंजाब, जम्मू, चंडीगढ़, हिमाचल के लिए अब यात्रियों की संख्या के हिसाब से अप एंड डाउन में तीस ट्रेने ही चलाई जाएंगी।
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब में किसान पटरी पर बैठ गए थे, जिसके चलते सवारी और मालगाडिय़ां बंद कर दी गईं थीं। बीच में रेलवे ने मालगाडिय़ां पटरी पर तो उतारीं, लेकिन हादसा होने के अंदेशा देखते हुए उसको भी बंद कर दिया था। रेल मंत्री पीयूष गोयल व पंजाब सरकार के बीच लगातार वार्ता जारी रहीं, जिसके सुखद परिणाम सामने आए। किसान पटरियां से हट गए। रविवार को अंबाला और फिरोजपुर मंडल के अधिकारियों ने पटरी पर इंजन दौड़ाकर रेलवे ट्रैक ओके की रिपोर्ट अपने आला अधिकारियों को भेज दी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर सोमवार को ट्रेनें पटरी पर दौडऩे लगेंगी। आंदोलन के कारण 1400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है, दूसरे प्रदेशों से पंजाब आने वाले यात्रियों और पंजाब से अन्य प्रदेशों को जाने वाले यात्रियों को जो परेशानी हुई वह अलग।
बीएसएफ और सीआरपीएफ को भी झेलनी पड़ी परेशानी
जम्मू कश्मीर हो रहे चुनावों में बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवानों की ड्यूटी लगाई गई। उन्हें लेकर आर्मी स्पेशल ट्रेनें विभिन्न राज्यों से अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं और यहां से ट्रकों के माध्यम से जवानों को जम्मू भेजा गया, क्योंकि रेलवे ट्रैक किसानों के कारण अब तक बाधित था। फोर्स के जवानों का सामान अधिक होता है, इस कारण काफी परेशानियां झेलनी पड़ीं।
ट्रकों से सप्लाई का प्रयास
मालागाडिय़ां बंद होने के कारण ट्रकों के माध्यम से जरूरी वस्तुओं की आपूॢत की गई, लेकिन मांग के मुताबिक आपूॢत पूरी नहीं की जा सकी। पंजाब से विभिन्न राज्यों को जाने वाले ट्रैक्टर, सीमेंट मालगाडिय़ों से जाता था, उसे ट्रकों के माध्यम से भेजा गया। इसी कारण छत्तीसगढ़ से पंजाब जाने वाला कोयला भी मालगाडिय़ों से अंबाला और यहां से ट्रकों के माध्यम से पंजाब भेजा गया।