सुरक्षित नहीं आशियाने, दो सालों में अंबाला में 721 चोरी की वारदात
अंबाला में चोरी की वारदात का आंकड़ा पुलिस सुरक्षा की पोल खोलने के लिए काफी है। आंकड़ों के मुताबिक 2019 और 2020 में कुल 721 चोरियां हुई। चोरियां घरों दफ्तरों दुकानों में हुई हैं। अभी भी 490 मामले अनट्रेस हैं।
अंबाला, [सुरेश सैनी]। अंबाला में लोगों के आशियाने सुरक्षित नहीं रहे। चोरों की नजर उनके तालों पर टिकी है। शायद ही कोई दिन ऐसा होगा जिस दिन पुलिस के रजिस्टर में चोरी का केस दर्ज न होता हो। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक 2019 व 2020 में 721 तालों को चटकाया गया है, यह चोरियां दिन और रात में हुई। मतलब साफ है दिन और रात में लोगों के घर, दुकान व अन्य जगह सुरक्षित नहीं रही। हालांकि पुलिस ने चोरी के दर्ज इन मामलों में कार्रवाई की। इनमें 2019 व 2020 में ही 231 मामलों में वर्क आउट किया है, ऐसे में 490 मामले अभी ऐसे हैं जो अनसुलझे, जो पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं।
पड़ोसी जिलों में भी बढ़ रही चोरियां
अंबाला के अलावा पड़ोसी जिला यमुनानगर और कुरुक्षेत्र की बात करें तो यहां भी चोरी की वारदातें बढ़ी हैं। आंकड़ों के मुताबिक यमुनानगर में 2019 व 2020 में कुल 965 केस चोरी के दर्ज हुए जिनमें 165 मामलों को सुलझाया गया तथा 800 मामले अभी भी ऐसे हैं जो अनट्रेस हैं। इसी तरह कुरुक्षेत्र की आंकड़ों के मुताबिक 335 जगहों पर चोरियां हुई। इनपर 485 मामलों पर वर्क आउट हुआ तथा 150 मामले ऐसे हैं जो अनसुलझे हैं।
रेकी के बाद दिया जा रहा वारदात को अंजाम
बता दें चोरी की वारदात को अंजाम देने से पहले चोर एरिया की रेकी करते हैं। वे सब्जी बेचने वाला, भीखारी, चंदा लेने के बहाने, किसी कंपनी का वर्कर बताकर या फिर कई दिनों से जगह पर निगरानी आदि तरह से रेकी करते हैं। उसके बाद चोर वारदात को अंजाम देते हैं।
चोरी की वारदातों से सहमें लोग
बता दें चोरों के हौंसले इतने बुलंद हो चुके हैं जहां वे रात को चोरी की घटना को अंजाम देते हैं, वहीं दिनदहाड़े भी वारदात को अंजाम दे रहे। जिलों में बढ़ रहे चोरी के ग्राफ से लोग इतने सहम चुके हैं। लोगों के मन में डर है अगर उन्हें किसी आवश्यक काम से कहीं जाना हो तो वे दस बार सोचते हैं की कहीं पीछे से चोरी न हो जाए और हकीकत में कुछ ऐसा ही हो रहा है, चूंकि चोर इस ताक में रहते हैं कब मालिक बाहर हो।
पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें