मिनटों में स्कैच बना देने वाली शिवानी की कहानी पढ़िए, सुशांत को यूं याद किया
पानीपत की शिवानी कुछ ही देर में बना देती है स्कैच। श्रीकृष्ण की पेंटिंग को हरियाणा में पहला स्थान मिला तो इसी विधा में आगे बढ़ने की ठानी। 11वीं क्लास की छात्रा की बनाई गौतम बुद्ध की पेंटिंग को सबसे ज्यादा सराहना।
पानीपत, [अजय सिंह]। चार वर्ष की थी। तब रंगों से खेलती। माता-पिता सोचते, सभी बच्चों की तरह इसे भी रंगों से खेलना अच्छा लगता है। पर जैसे-जैसे वो बड़ी होती गई, रंगों से प्यार बढ़ता गया। पेंटिंग की तरफ रुझान ऐसा बना कि कभी इन्हें छोड़ नहीं सकी। तीन वर्ष पहले जब प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिता हुई तो खुद को आजमाने के लिए उसमें भाग लिया। भगवान श्रीकृष्ण की पेंटिंग इतनी पसंद आई कि जजों ने उसे पहला इनाम दिया। बस तभी से ठान लिया, इसी को अपना करिअर बनाएगी। ये है पानीपत की बेटी शिवानी।
दुबई में होने वाली प्रतियोगिता के लिए उसका चयन हो गया है। श्रीलंका में भी बुलाया था पर आर्थिक तंगी की वजह से जा नहीं सकी। शिवानी के पसंदीदा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत Sushant Rajput के सुसाइड की खबर आई तो बेहद दुखी गई। तभी सुशांत का स्कैच बनाया। होनहार बिटिया की कहानी आप भी पढ़िए।
ये है पानीपत के गंगाराम कालोनी की शिवानी। पिता किराना की दुकान चलाते हैं। एक बड़ी बहन और बड़ा भाई है। सबसे छोटी शिवानी अग्रवाल को ड्राइंग बनाने का शुरू से ही शोक रहा। पेंसिल उठाती और अलग बैठ जाती। कुछ न कुछ बनाती रहती। शुरू में घर, पेड़, पौधे बनाती। धीरे-धीरे चेहरे भी बनाने लगी। तब पिता शिवकुमार ने उसकी प्रतिभा को पहचाना। उसे कहा, जितनी चाहे ड्राइंग बनाओ।
सीएम मनोहरलाल ने सराहा
तत्कालीन विधायक रोहिता रेवड़ी उसकी ड्राइंग देख चुकी थीं। दरअसल, रोहिता का भी स्कैच शिवानी ने बनाया था। तब रोहिता ने कहा, आपको सीएम मनोहर लाल से मिलवाऊंगी। शिवानी ने सीएम का भी स्कैच बना लिया। मनोहरलाल जब पानीपत आए तो उन्हें उनका स्कैच भेंट किया। तब सीएम ने बेटी को बेहद सराहा।
पचास से अधिक प्रतियोगिताओं में रही अव्वल
परिवार की आर्थिक स्थिति थोड़ी कमजोर होने के कारण शिवानी कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाई। अब 11वीं आर्ट्स की पढ़ाई कर रही रही शिवानी घर पर ही ऑयल कलर, पैंसिल कलर और स्कैच से ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रही है। 50 से अधिक प्रतियोगिताओं में अव्वल स्थान पर रही है। शिवानी विश्व प्रसिद्ध पेटिंग बनाना चाहती है। उसे मोनालिसा की पेंटिंग बेहद पसंद है।
मुंबई और कोलकाता की प्रतियोगिताओं में जीता इनाम
मम्मी सरिता उसे कहती है, जितनी मर्जी पेंटिंग बना। पिता शिवकुमार तो शुरू से ही प्रोत्साहित कर रहे हैं। घर को ही अभ्यास स्थल बना दिया है। हाल ही में शिवानी ने कोलकाता से आयोजित हुई एक प्रतियोगिता में गौतम बुद्ध की पेंटिंग भेजी, जिसमें उसने स्वर्ण पदक जीता है। वहीं मुबंई से आयोजित एक प्रतियोगिता में भगवान गणेश स्कैच बनाकर भेजा था। इसमें उसे कांस्य पदक मिला।
आर्थिक तंगी के कारण नहीं जा पाई श्रीलंका
श्रीलंका में आयोजित हुई एक प्रतियोगिता के लिए शिवानी की पेंटिंग का चयन हुआ। आयोजकों ने श्रीलंका बुलाया। किराना स्टोर चलाने वाले पिता शिवकुमार उसे प्रतियोगिता में हिस्सा दिलाने के लिए श्रीलंका नहीं ले जा पाए। अब शिवानी को लगभग दो माह बाद दुबई में आयोजित हो रही एक प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया है।
इतने पैसे नहीं कि आयल पेंटिंग कर सकूं
शिवानी ने गौतम बुद्ध की आयल पेंटिंग बनाई। एक पेंटिंग पर हजारों का खर्च आ जाता है। स्थिति इतनी बेहतर नहीं कि ज्यादा ड्राइंग और पेंटिंग बना सके। पर कहती है, वह अब पीछे नहीं हटेगी। कोशिश करती रहेगी। एक प्रतियोगिता में उसे तीन हजार का इनाम मिला था। आर्य गर्ल्स स्कूल में ही ड्राइंग टीचर से कुछ सीखा। इसके बाद आयॅल पेंटिंग की बारीकी जानने के लिए राजपाल कालिया की एकेडमी में कोचिंग ली। अब घर पर ही अभ्यास करती है।