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Bihar का छात्र रवि बना NDRI Karnal का ध्रुव तारा, ब्राजील ने भी किया सम्‍मानित Panipat News

ब्राजील में दूध बचाने के शोध को प्रथम पुरस्कार दिया गया है। बिहार निवासी छात्र रवि को एनडीआरआइ करनाल ने भी सम्‍मानित किया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 04:17 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 04:18 PM (IST)
Bihar का छात्र रवि बना NDRI Karnal का ध्रुव तारा, ब्राजील ने भी किया सम्‍मानित Panipat News
Bihar का छात्र रवि बना NDRI Karnal का ध्रुव तारा, ब्राजील ने भी किया सम्‍मानित Panipat News

पानीपत/करनाल, जेएनएन। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के हर्ष हरी गांव के रवि प्रकाश ने डिजाइन एंड डेवलपमेंट आफ बेस्ट मिल्किंग कम कूलिंग पेल तकनीक विकसित की है। छह से आठ नवंबर को ब्राजील के ब्रिक्स सम्मेलन में आयोजित ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट फोरम में उन्हें ब्रिक्स यंग इनोवेटर प्राइज मिला है। इस तरह उन्होंने अपने करनाल स्थित शिक्षण संस्थान राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआइ) का सितारा अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमका दिया है।

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ब्राजील के फोरम में पांच देशों के 100 युवा वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। इनमें भारत के विभिन्न संस्थानों के 20 युवा प्रतिभागी शामिल थे। पहला पुरस्कार रवि प्रकाश को मिला जबकि दूसरा रूस व तीसरा ब्राजील को हासिल हुआ है। बिक्स पांच देशों का समूह है जिसमें ब्राजील, रशिया,  भारत,  चीन व साउथ अफ्रीका शामिल हैं। इन देशों में होने वाले शोध को अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म पर रखने के लिए हर साल ब्रिक्स यंग साइंटिस्ट फोरम का आयोजन होता है। 2016 में पहली बार भारत से ही इसकी शुरूआत हुई थी। 

क्या है शोध 

यह शोध छोटे पशुपालकों के लिए कारगर है। दूध दुहने के लिए आम तौर पर बाल्टी का प्रयोग किया जाता है। रवि ने इसी प्रकार का एक कंटेनर तैयार किया है जिसे पेल कहने हैं और उसकी क्षमता पांच से छह लीटर की है। दुहाई के समय दूध का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है। उक्त कंटेनर में दुहे जाने के आधे घंटे के अंदर ही दूध का तापमान 7 डिग्री पहुंच जाता है। इससे दूध में बनने वाले बैक्टीरिया का विकास रुक जाता है और दूध बिना उबाले एक दिन तक आसानी से रखा जा सकता है। शहर में दूध की आपूर्ति करने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए यह कंटेनर संजीवनी की भूमिका निभा सकता है। दूध खराब होने का खतरा नहीं रहेगा। एनडीआरआइ के मुताबिक देश में करीब 90 प्रतिशत छोटे पशुपालक हैं। स्वदेश वापसी पर एनडीआरआइ के निदेशक आरआरबी सिंह ने संस्थान की तरफ से रवि का सम्मान किया।


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