पानीपत में रैपिड एंटीजन किट नहीं, गर्भवती प्रसव से 15 दिन पहले कराएं कोरोना जांच
पांच दिन बाद आरटीपीसीआर रिपोर्ट मिल रही है। गर्भवती महिलाओं को परेशानी हो रही है। सिविल सर्जन ने आशा वर्कर्स व आंगनबाड़ी वर्कर्स को निर्देश दिए हैं कि कोरोना जांच कराने के लिए गर्भवती महिलाओं को पहले लेकर आएं।
पानीपत, जेएनएन। सिविल अस्पताल सहित सीएचसी-पीएचसी में रैपिड एंटीजन किट नहीं है। कुछ हैं तो उन्हें कोरोना आशंकित के शव, जेल के बंदी सहित इमरजेंसी वाले केसों के लिए रखा गया है। रैपिड टेस्ट नहीं होने के कारण सबसे बड़ी दिक्कत जिला की गर्भवती महिलाओं को हो रही है।
अब सिविल सर्जन डा. संजीव ग्रोवर ने सभी आशा-आंगनबाड़ी वर्कर्स और एएनएम को निर्देश दिए हैं कि हर गर्भवती का प्रसव से 15 दिन पूर्व आरटीपीसीआर(रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन)टेस्ट कराएं। दरअसल, गत वर्ष भी गर्भवती महिलाओं की कोरोना जांच शुरू कराई गई थी। रोजाना चार-पांच गर्भवती कोरोना संक्रमित मिलती थी। संक्रमितों की संख्या में कमी आई तो गर्भवती की कोरोना जांच भी धीमी पड़ गई।अब फिर से गर्भवती महिलाएं संक्रमित मिल रही हैं। यहां तक कि रिफाइनरी की निवासी पॉजिटिव महिला के गर्भ से संक्रमित बच्चा भी जन्मा है।
स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
इन केसों ने स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट कर दिया गया है। सिविल सर्जन ने पुष्टि करते हुए कहा कि गर्भवती महिला को प्रसव से 15 दिन पूर्व जांच अनिवार्य कर दी है। 15 दिन का समय इसलिए तय किया है, यदि गर्भवती की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिलती है तो प्रसव से पूर्व वह रिकवर हो सकती है।
रैपिड किट नहीं होने से दिक्कत
रैपिड एंटीजन किट से लिए सैंपल की रिपोर्ट कुछ देर में ही मिल जाती है। यदि कोई गर्भवती प्रसव पीड़ा के समय ही अस्पताल पहुंचती है तो भी उसकी कोरोना जांच हो सकती है। पाजिटिव मिलने पर गाइडलाइन का पालन करते हुए उसका प्रसव संपन्न कराया जा सकता है। अब हर गर्भवती का प्रसव पूरी सावधानी बरतते हुए कराना पड़ रहा है। महिला से पूछा जा रहा है कि उसे कोरोना जैसे लक्षण तो नहीं हैं।
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