रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मलाई खाना छोड़कर किसानों के जख्मों पर मरहम लगाएं दुष्यंत
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला कैथल पहुंचे। उन्होंने किसानों के समर्थन में उप मुख्यमंत्री और जजपा को घेरा। कहा- दुष्यंत चौटाला किसानों की बात सुनें।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि दुष्यंत चौटाला कब तक किसानों के हितों को दरकिनार करके सत्ता की मलाई खाते रहेंगे। उन्हें स्पष्ट करना होगा कि अब कुर्सी चाहिए या किसान, क्योंकि खुद को किसानों का सबसे बड़ा चेहरा बताकर ही उन्होंने वोट हासिल किए थे। उन्हें चाहिए कि अब मलाई खाना छोड़कर लाठी खा रहे किसानों के जख्मों पर मरहम लगाएं। उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर सरकार से समर्थन वापस लें। सुरजेवाला शनिवार को यहां अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार गिराकर सत्ता हासिल करना उनका मकसद नहीं है, लेकिन यह निश्चित है कि कांग्रेस 80 पार विधायक लेकर सत्ता में आएगी और सरकार बनाते ही तीनों अध्यादेशों सहित किसान, मजदूर, पिछड़े, अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ बनाए सभी कानूनों का बहिष्कार करेगी। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे को सुरजेवाला ने राजनीतिक ड्रामा बताया।
कहा कि अध्यादेश बनाते वक्त वह मौजूद रहीं और इस पर उनके भी हस्ताक्षर हैं। जब उन्हें लगा कि किसानों के खिलाफ अध्यादेश बनाकर उनका पंजाब में प्रवेश करना मुश्किल हो जाएगा तब उन्होंने इस्तीफा दिया। बात तो तब है कि सांसद पद छाेड़कर उनकी पार्टी भाजपा से समर्थन वापस ले।
कांग्रेस महासचिव ने कृषि अध्यादेशों को किसान, आढ़ती, मुनीम और मंडियों में काम करने वाले गरीब तबके के मजदूरों से रोजी-रोटी छीनने वाला कानून बताया। कहा कि एक किसान के लिए अपनी फसल लेकर दूसरे राज्यों में बेचने जाना कैसे संभव हो सकता है। 73 साल में इन वर्गों पर पहली बार ऐसा अाक्रमण केंद्र की भाजपा सरकार ने किया है।
सुरजेवाला ने कहा कि आढ़ती किसान का बैंक है। उसके बिना तो सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसान को नहीं मिल सकता। मंडी के बिना यह संभव नहीं। भारतीय खाद्य निगम इतना सक्षम नहीं है कि 20 करोड़ किसानों के खेतों में जाकर खरीद की व्यवस्था कर सके। यह सब पांच-छह प्राइवेट कंपनियों को मुनाफा देने के लिए किया जा रहा है। कांग्रेस इन कानूनों को वापस करवाकर ही दम लेगी।
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