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राकेश टिकैत बोले, पंजाब बड़ा भाई, हरियाणा वालों के दम पर जीता किसान आंदोलन

राकेश टिकैत जींद के खटकड़ टोल पर पहुंच चुके हैं। हजारों की संख्या में किसान वहां मौजूद है। जिन्होंने अपने नेता का गर्मजोशी से स्वागत किया। राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी खटकड़ टोल से किसान आंदोलन को आधिकारिक रूप से खत्म करने का ऐलान करेंगे।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 07:34 PM (IST)
राकेश टिकैत बोले, पंजाब बड़ा भाई, हरियाणा वालों के दम पर जीता किसान आंदोलन
जींद के खटकड़ टोल पर पहुंचे राकेश टिकैत।

जींद, डिजिटल डेस्क। मंगलवार को खटकड़ टोल पर 354 दिन से चल रहा धरना समाप्त हो गया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पिछले साल 25 दिसंबर को टोल पर किसानों ने धरना शुरू किया था। धरने के समापन कार्यक्रम में गांवों से हजारों की तादाद में युवा, महिलाएं व किसान पहुंचे। किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम चढूनी, विकास सींसर, हरियाणवी कलाकार अजय हुड्डा, पूर्व छात्र नेता कृष्ण श्योकंद ने किसानों में जोश भरा और भविष्य की राह दिखाई। राकेश टिकैत ने आंदोलन की जीत पर बधाई देते हुए कहा कि आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी भी अहम रही।

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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को समाप्त हुए चार दिन हो गए, लेकिन हम जहां भी जा रहे हैं वहां लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सरकार को पता था कि यह किसान बिना जीते जाएंगे नहीं, हमारा सामाजिक ताना-बाना बुनने में बहुत समय लग गया। हमने अभी तो आंदोलन की ट्रेनिंग ली है। हमारी मांगों को लेकर ऐसे आंदोलन हम करते रहेंगे। इस आंदोलन से हमारा भाईचारा बहुत बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार को पता था कि यह किसान बिना जीते जाएंगे नहीं, हमारा सामाजिक ताना-बाना बुनने में बहुत समय लग गया। टोल कमेटी द्वारा यहां पर आने वालों का स्वागत फूलों की बारिश से किया तो देशी घी का हलवा भी यहां आने वाले किसानों के लिए बनाया गया।

आंदोलन समाप्त नहीं हुआ, अभी किसान ने इसे सीखा है

खटकड़ टोल से पहले राकेश टिकैत बद्दोवाल पहुंचे। बद्दोवाल टोल धरने पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा, कुछ लोग समझ रहे हैं कि आंदोलन समाप्त हो गया है, वो गलतफहमी में हैं। अभी ये स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं। किसान अपने अधिकारों को समझ चुका है। इस आंदोलन से किसान और मजदूरों को अपनी एकजुटता की ताकत का भी पता चल गया है। समापन समारोह की अध्यक्षता महेंद्र सिंह ने की व संचालन होशियार सिंह ने किया। समापन के मौके पर बातचीत रखते हुए टोल कमेटी के संयोजक मा. बलबीर सिंह ने बताया कि 15 दिसंबर को टोल कमेटी की एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें नरवाना में एक विजयी जुलूस निकालने की योजना बनाई जाएगी और टोल के समस्त आय-व्यय का ब्योरा संचालन कमेटी के सामने रखा जाएगा।

बद्दोवाल टोल पर मौजूद किसान।

हरियाणा के बल पर जीता आंदोलन

पंजाब के किसान नेता जोगेंद्र सिंह उगराहां ने कहा कि हरियाणा के लोग ईमानदार और लड़ने वाले हैं। पंजाब बड़ा भाई है। लेकिन ये आंदोलन हरियाणा वालों के बल पर जीता गया। हरियाणा वालों को आंदोलन लड़ना आता है। उन्होंने कहा कि इस जीत से ज्यादा खुश ना हों, दोबारा लड़ने के मूड में आ जाओ, एमएसपी लेना है। बड़ी लड़ाई बाकी है। किसानों का सारा कर्ज माफ करवाना है। युवाओं को रोजगार दिलाना है। आंदोलन की तैयारी करो, एमएसपी और कर्ज माफी पर सरकार कुछ नहीं करने वाली है।

महिला किसानों को सम्मानित करते हुए राकेश टिकैत।

हरियाणा और पंजाब के बीच की खाई खत्म हुई

युद्धवीर सहरावत ने कहा कि किसान आंदोलन ने पंजाब और हरियाणा के बीच की खाई को खत्म किया है। पूरे देश का किसान इकट्ठा हुआ है। आंदोलन अभी बाकी है। एसआइटी की रिपोर्ट में लखीमपुर खीरी हत्याकांड को षड्यंत्र माना गया है। सरकार कार्रवाई नहीं करेगी, लड़ाई लड़ी जाएगी। वहीं किसान नेता जोगेंद्र नैन ने कहा कि किसान आंदोलन में 1744 किसान नामजद समेत 45 हजार किसानों पर मामले दर्ज हुए हैं। जिनकी वापसी होगी। 127 किसान आंदोलन के दौरान मारे गए, जिनमें 17 किसान जींद जिले के थे।

आज चंदे का हिसाब-किताब देकर प्रशासन को सौंपेंगे टोल

खटकड़ टोल पर बुधवार को किसानों की बैठक होगी, जिसमें सालभर चले धरने का हिसाब-किताब दिया जाएगा। धरना कमेटी के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी जयप्रकाश खटकड़ को सौंपी गई थी। वह कमेटी के सामने चंदे की राशि का हिसाब पेश करेंगे। इसके बाद प्रशासन की मौजूदगी में टोल प्रशासन को सौंप दिया जाएगा। धरना कमेटी के सदस्य गांव-गांव जाकर भी लोगों को चंदे का हिसाब देंगे।

हरियाणवी कलाकार अजय हुड्डा गाना गाते हुए।

ये लोग रहे मौजूद

हरियाणवी कलाकार अजय हुड्डा के गानों पर लोग झूमे। युवा बाइकों के काफिले के साथ, भाकियू के झंडों के साथ कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। इस मौके पर जोगेंद्र उग्राह, रामफल कंडेला, युद्धवीर सहरावत, जगजीत डलेवाल, अभिमन्यु कोहाड़, रवि आजाद, सुदेश गोयत, सुशील नरवाल, जयप्रकाश, बलराम कटवाल, आजाद पालवां, सिक्किम सफा खेड़ी, पूनम कंडेला सहित अन्य किसान नेता मौजूद रहे।


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