Kisan Andolan: राकेश टिकैत बोले, सरकार हरियाणा व पंजाब में बेच रही मंडियां, नहीं बिकने देंगे एग्रो माल
Kisan Andolan हरियाणा व पंजाब में सरकार की ओर से मंडियां बेचने की शुरूआत की जा रही है जिसका स्प्ष्ट उदाहरण एग्रो माल को बेचा जाना है। ये आरोप संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने लगाए।
करनाल, जागरण संवाददाता। करनाल में किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरकार पर निशाना साधा। टिकैत ने कहा कि हरियाणा व पंजाब में सरकार की ओर से मंडियां बेचने की शुरूआत की जा रही है, जिसका स्प्ष्ट उदाहरण एग्रो माल को बेचा जाना है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हित में कोई भी कदम नहीं उठा रही है। इसलिए किसान आंदोलन (Kisan Andolan) करने को मजबूर है।
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पंजाब से दिल्ली बार्डर पर जाते समय नई अनाजमंडी के समीप स्थित एग्रो माल के समक्ष पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एग्रो माल को किसी भी कीमत पर बिकने नहीं देंगे। इसके लिए कड़ा आंदोलन चलाने से लेकर यहां आने वाली संबंधित कंपनी व अधिकारी को बंधक बनाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
सरकार निजीकरण में लगी है
टिकैत ने कहा कि हरियाणा की मंडियां बिकेंगी तो देश में मंडी नहीं बचेंगी, क्योंकि यहां की मंडियों में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान व आसपास के अन्य प्रदेशों के किसान अपना माल बेचने आते थे। सरकार पूरी तरह से निजीकरण में लगी है। कमेटी द्वारा कईं वर्षों पहले बनाई गई एग्रो माल की भव्य बिल्डिंग में किसानों के लिए प्रदर्शनी, जागरूकता कैंप लगाए जाने थे तो वहीं यहां कृषि उपकरण व कृषि संबंधित अन्य सामान भी बेचे जाने थे। इन माल का किसानों को बड़ा फायदा होना था, लेकिन सरकार यह माल चला नहीं सकी और अब इसे संघ के ही किसी बड़े व्यक्ति को बेचने के प्रयास में है, लेकिन किसान इसे नहीं बिकने देंगे।
मध्य प्रदेश में मंडिया बेचने की तैयारी
टिकैत ने अपने साथ आए भाकियू मान गुट के प्रदेशाध्यक्ष रत्न मान को कहा कि वे यहां होर्डिंग आदी लगाए और इसे बेचे जाने के सरकार के प्रयासों का विरोध शुरू करें। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भी सरकार ने 182 मंडियां बेचने की तैयारी की है। सरकार खाली जमीन के नाम पर मंडियों की जमीन बेचना चाहती है, लेकिन किसान इसे स्वीकार नहीं करते। सरकार किसानों के हित में कोई कदम नहीं उठा रही है।