पीड़िता के साथ दीवार बनकर खड़़ी हो जाती हैं रजनी गुप्ता
जागरण संवाददाता पानीपत खुद ने शादी की नहीं। बच्चों की होने नहीं देती..विधवा मां हूं बेट
जागरण संवाददाता, पानीपत : खुद ने शादी की नहीं। बच्चों की होने नहीं देती..विधवा मां हूं बेटी की बरात लौटी तो तूझे श्राप दूंगी। आए दिन ऐसे कमेंट्स सुनने को मिलें, फिर भी वह शोषण के विरुद्ध, पीड़िता के साथ दीवार बनकर खड़ी रही हैं। कुछ ऐसी ही हैं जिला महिला सरंक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता। कई मामलों में कार्रवाई के दौरान उनकी जान पर भी बनी, इसके बावजूद महिलाओं-किशोरियों को न्याय दिलाने में पीछे नहीं हटीं।
रजनी गुप्ता ने बताया कि नवंबर-2008 में यह नौकरी ज्वाइन की थी। फिलहाल करनाल का भी एडिशनल चार्ज है। महिला सरंक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी की ड्यूटी क्या है, संभवतया बताने की जरूरत नहीं है। इतना कहूंगी कि जुलाई 2020 तक घरेलू हिसा की करीब 2400 शिकायतें मिली। इनमें से दोनों पक्षों की काउंसिलिग कराते हुए 738 परिवारों को पुन: बसाया गया है। 63 केसों में पुलिस एक्शन के लिए लिखा है और 163 मामलों में पीड़िता को कानूनी सहायता दी की गई है। केसों की कार्रवाई के दौरान दोनों पक्षों व समाज का कितना दबाव रहता है लेकिन मेरा फोकस शोषित को न्याय दिलाने पर होता है। कोर्ट के आदेश पर किसी महिला को घर में आश्रय दिलाने जाती हूं तभी तरह-तरह के कमेंट्स सुनने को मिलते हैं।
बाल विवाह की 277 शिकायतें मिलीं। 191 बाल विवाह मौके पर पहुंचकर रुकवाए गए। 42 शिकायतें बाल विवाह होने के बाद मिली, इनमें पुलिस कार्यवाही को लिखा गया। बाल विवाह तुड़वाने के लिए कोर्ट में याचिकाएं भी दर्ज कराई हैं।
भीड़ ने एसएचओ की जीप पलटी
दिसंबर 2018 की घटना है। समालखा के एक गांव में बाल विवाह रुकवाने के लिए गई थी। सड़क पर खड़े रहकर कार्रवाई पूरी की जा रही थी। इसी दौरान तत्कालीन थाना प्रभारी को भनक लगी कि भीड़ हमला करने वाली है। उन्होंने घेराबंदी करके गाड़ी में बैठाया और वहां से सुरक्षित निकलवा दिया। पलटकर देखा तो भीड़ थाना प्रभारी की जीप को पलट चुकी थी।
जब महिलाओं ने घेरा
तहसील कैंप में 15 साल की लड़की का निकाह रुकवाने गई थी। पुरुषों के इशारे पर महिलाओं ने मुझे घेर लिया। तर्क दिया कि शरीयत के अनुसार विवाह जायज है। वहां की महिलाएं हाथापाई पर उतर आईं तो पुलिस बल को मदद के लिए बुलाना पड़ा था।
जब घर पहुंचे धमकाने
पानीपत के एक गांव में बाल विवाह रुकवाने पुलिस के साथ गई हुई थी। कार्रवाई कर ही रही थी कि एक कॉल आती है कि विवाह को होने दें। विवाह रोका गया तो हम आपके परिवार को नुकसान पहुंचा देंगे, घर के बाहर खड़े हैं। तुरंत संबंधित थाना को कॉल की पुलिस अपने घर भिजवाई, इसके बाद कार्रवाई की।