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हरियाणा में बारिश, मंडियों में आलू की आवक हुई कम, दामों में उछाल

बारिश के कारण मंडियों में आलू की आवक कम हो गई है। आवक कम होने से दामों में भी भारी उछाल है। मंडी में आलू बिक रहा 750 रुपये से 800 रुपये प्रति क्विंटल। आलू के दामों में आई बढोतरी से किसानों के चेहरे खिले।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 05:15 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 05:15 PM (IST)
हरियाणा में बारिश, मंडियों में आलू की आवक हुई कम, दामों में उछाल
कुरुक्षेत्र सब्जी मंडी में लाए गए आलू।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। बारिश के चलते मंडी में आलू की आवक कम होने के चलते आलू के दामों में तेजी देखी जा रही है। बारिश होने से पहले आलू के दाम 400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल थे, जो अब 750 से 800 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गए हैं। आलू के दामों में आई तेजी से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं, क्योंकि आलू के दाम कम होने से उनकी चितांएं बढी हुई थी। दाम कम मिलने के चलते फसल की लागत भी वसूल नहीं हो पा रही थी।

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आलू शुरुआती दिनों में जब मंडियों में बिकने के लिए पहुंचा था, उस समय आलू की कीमत 400 से 600 रुपये प्रति क्विंटल थी। जैसे जैसे सीजन आगे बढता चला गया आलू के दाम भी बढते चले गए। एक बार तो आलू के दाम 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे।

आलू के दामों में बढो़तरी को लेकर किसान वर्ग खुश था और उनकी फसल की लागत पूरी होने के साथ साथ उन्हें मुनाफा भी मिल रहा था, लेकिन जैसे जैसे मंडी में आलू की आवक तेज हुई और आलू भारी मात्रा में बिकने के लिए मंडियों में पहुंचा तो आलू के दाम धड़ाम से गिर गए। हालात ऐसे आए कि आलू  400 से 500 रुपये प्रति क्विंटल पर बिकने लगा। आलू के दामों में आई भारी गिरावट को लेकर किसानों को भी चितांएं सताने लगी। किसान को उसकी लागत भी वसूल नहीं हो पा रही थी, लेकिन जैसे ही पिछले तीन दिन से मौसम में बदलाव आया और बारिश का आगमन हुआ तो आलू के दामों में भी तेजी देखी गई। अब आलू मंडी में 750 से 800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है।


बारिश से बढ़े आलू के दाम

पिपली अनाजमंडी के पूर्व प्रधान एवं वर्तमान में संरक्षक राजीव गोयल ने बताया कि जब आलू की आवक मंडियों में शुरू हुई थी, उस समय आलू के दामों में खास तेजी नहीं थी, लेकिन जैसे जैसे सीजन बढ़ता गया, आलू के दाम भी बढते चले गए। बारिश से आलू के दाम यकायक बढे हैं। इसका मुख्य कारण मंडी में आलू की आवक का कम होना है, क्योंकि बारिश के चलते किसान आलू की फसल को खेतों से नहीं उठा रहे। नतीजतन मंडियों में आलू की आवक कम होना स्वाभाविक है और यही कारण है कि बारिश में आलू के दामों में तेजी आई है। उन्होंने बताया कि जैसे ही मौसम साफ होगा आलू के दामों में गिरावट आ सकती है। पिपली अनाजमंडी मजदूर एसोसिएशन के प्रधान कपलेश्वर कुमार टुनटुन ने बताया कि पिछले कई दिनों से बरसात चल रही है। बरसात में आलू मंडियों में बिकने के लिए नहीं पहुंच रहा, वहीं मजदूरों को काम भी नहीं मिल पा रहा है। मजदूर मौसम साफ होने की इंतजार कर रहे हैं, मजदूरी मिलने से ही उनकी रोजी-रोटी चलती है।


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