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Railway Vision 2024: देश भर के 109 रूटों पर दौड़ेंगी 150 प्राइवेट ट्रेनें, निवेश और रोजगार के खुलेंगे रास्‍ते

ढाई लाख करोड़ का निवेश यात्री सुविधाओं व रोजगार के रास्ते खोलेगा। रेल लाइन दोहरीकरण के पांच प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी। देशभर के 109 रूटों पर 150 प्राइवेट ट्रेनों के पटरी पर दौडऩे से बड़ी राहत मिलेगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:48 PM (IST)
ट्रेनों की संख्‍या में इजाफा और यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।

पानीपत/अंबाला, [दीपक बहल]। रेल मंत्रालय ने यात्रियों की सुविधाओं में इजाफा, आमदनी बढ़ाने और रोजगार के लिए करीब ढाई लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का फैसला लिया है। देशभर में 58 अति महत्वपूर्ण और 68 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनको मार्च 2024 तक पूरा किया जाना है। 189 नई रेल लाइन तथा 1471 किलोमीटर डबल लाइन बिछाई जाएगी। इससे ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा। इसके अलावा निजी क्षेत्र के लिए रेलवे 109 रूटों पर 150 प्राइवेट ट्रेनों को 2024 तक पटरी पर उतारेगी। खास बात यह कि इनमें कंफर्म टिकट मिलेगी। रेलगाडिय़ों की गति बढ़ाने के लिए 23,800 किलोमीटर तक विद्युतीकरण का काम दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाएगा। मालगाडिय़ों के लिए डेडिकेटेड रेल फ्रेट कारिडोर बनाया जा रहा है।

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पांच नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी

वर्ष 2023 तक पांच नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी, जबकि बची तीन रेल लाइनों में से दो को 2025 तक बिछाया जाएगा। 63 किलोमीटर लंबी रेल लाइन भानुपाली/बिलासपुर/बेरी वर्ष 2025 में पूरी होगी वहीं ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लाइन दिसंबर 2022 में पूरी होगी। पश्चिमी बंगाल व सिक्किम के 44 किलोमीटर की सिवोक-रैंगपो रेल लाइन 2023 में पूरी होगी। असम व नागालैंड में 88 किलोमीटर लंबी और भैरबी-साइरंग (मिजोरम) के लिए 51 किलोमीटर लंबी रेल लाइन 2023 तक पूरी होगी।

ये हैं रेल लाइन डबलिंग के पांच प्रोजेक्ट

यात्रियों की सहूलियत और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेल लाइन दोहरीकरण के पांच प्रोजेक्ट 2023 में पूरे होने जा रहे हैं। जलगांव-भुसवाल (महाराष्ट्र) फोर लाइन को 2022 में पूरा होगा। पूना-मिराज-लोंडा (कर्नाटक एवं महाराष्ट्र) और जगदालपुर-कोरापुट (छत्तीसगढ़ व ओडिशा) मार्च 2023 तक, जारंगधीह-दानियेपैच (झारखंड) प्रोजेक्ट मार्च 2022 में पूरा होगा।

पांच हाई स्पीड रेल कारिडोर से मिलेगी बड़ी राहत

दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई सहित कई शहरों को हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से जोड़ा जा सकता है। छह हाई स्पीड रेल कॉरिडोर को हरी झंडी मिल चुकी है। दिल्ली/जयपुर/ऊधमपुर/अहमदाबाद (886 किमी), मुंबई/नासिक/नागपुर (753 किमी), मुंबई/पूना/अहमदाबाद (711 किमी), चेन्नई/बेंगलुरु/मैसूर (435 किमी) तथा दिल्ली/चंडीगढ़/लुधियाना/अमृतसर (459 किमी) हाई स्पीड रेल कारिडोर शामिल हैं। मुंबई/अहमदाबाद कारिडोर पर काम चल रहा है। इसके 2023 तक पूरा होने की संभावना है। बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट की लागत 1.08 लाख करोड़ रुपये है। इसके लिए दिसंबर 2019 तक 6247 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर तय करेगी।

130 व 160 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से ट्रेन दौड़ाने पर किया जा रहा है रूट मजबूत

नई दिल्ली से वाराणसी के बीच पहली हाई स्पीड वंदेभारत दौड़ी है। इसके बाद 130 व 160 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने का प्रस्ताव है। दिल्ली-मुंबई (वड़ोदरा और अहमदाबाद सहित) और दिल्ली-हावड़ा (कानपुर व लखनऊ सहित) के बीच यात्रा की संख्या और ट्रेनों की संख्या ज्यादा है। इसलिए दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर दौडऩे वाली ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रतिघंटा की जाएगी। इन रूटों को अगस्त 2023 तक मजबूत बनाने का लक्ष्य है।इस पर 6804 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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