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रेल मंत्रालय का फरमान, गृह नगर स्थानांतरण का नहीं अधिकार, अब दस साल करना होगा इंतजार

रेल मंत्रालय गृह नगर स्थानांतरण की पालिसी में बदलाव किए है। जिसके चलते कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। पहले पांच में कर्मचारी गृह नगर स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकती था लेकिन अब नीतियों में बदलाव किया गया।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2022 11:09 AM (IST)Updated: Sun, 20 Mar 2022 11:09 AM (IST)
रेलवे मंत्रालय की पालिसी में बदलाव के चलते कर्मचारियों में हड़कंप।

अंबाला, दीपक बहल। रेल मंत्रालय ने तबादला पालिसी में बड़ा बदलाव कर दिया है। कर्मचारी को अपने गृह क्षेत्र तबादला करवाने के लिए अब 10 साल की नौकरी होना अनिवार्य कर दिया है जबकि पहले यह शर्त 5 साल की थी। नवनियुक्त कर्मचारियों से बड़ी संख्या में तबादलों के लिये आवेदन और रिलीव होने के बाद प्रशिक्षित जनशक्ति (मेन पावर) की कमी होने से कार्य सुचारू रूप से हाेने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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पहले 5 साल की नौकरी के बाद कर्मचारी स्थानांतरण के लिए कर सकता था आवेदन

रेल मंत्रालय ने आदेशों में लिखा, कर्मचारियों को गृह नगर के पास स्थानांतरण करने का कोई कानूनी दावा नहीं किया जा सकता। यह केवल कठिन परिस्थितियों में या विशेष मामलों में सहानुभूति आधार पर विचार किया जाता है। यहीं कारण है कि ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों की न्यूनतम नौकरी को बढ़ाकर 5 से दस साल कर दिया गया है। इन आदेशों से कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है। रेल मंत्रालय ने 10 मार्च, 2022 को इन आदेशों की प्रतिलिपि देश के सभी महाप्रबंधकों को भेज दी है। मंडल स्तर पर इन आदेशों की प्रतिलिपि व्हाट्सएप ग्रुप में आ चुकी है लेकिन सभी महाप्रबंधक अपने-अपने जोन के लिये पत्र जारी करेंगे। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रेल मंत्रालय ने आदेश जारी किये हैं, अब जोन करेंगे।

आल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा बोले-रेल मंत्रालय के जारी आदेशों की प्रतिलिपि फर्जी

उधर, आल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने रेल मंत्रालय के तबादला पालिसी को लेकर जारी आदेशों की प्रतिलिपि को फर्जी बताया है। बता दें 31 अगस्त, 2015 को भी तबादला पालिसी में भी बदलाव किया गया था।

संरक्षा से जुड़े 2.66 लाख पद रेलवे में खाली

भारतीय रेलवे में रिक्त पदों की कुल संख्या 2 लाख 98 हजार 428 है। अनुसूचित जातियों के लिए 20 हजार 944 रिक्त पद और अनुसूचित जनजातियों के लिए 10 हजार 930 खाली पदों समेत कुल 1 लाख 40 हजार 713 रिक्तियों पर इस समय लेवल-1 (ग्रुप डी) और लेवल-7 के लिए भर्ती की जा रही है।

नई पालिसी लागू रहेगी

हालांकि पिछले 12 सालों में रेलवे में 4.61 लाख से ज्यादा लोगों की नियुक्ति की गई है। रेलवे की नौकरी चार समूहों (ग्रुप ए, बी, सी और डी) में बंटी होती है। इसके अलावा कुछ नौकरियां तकनीकी और कुछ गैर तकनीकी होती हैं। ग्रुप सी और डी के 2 लाख 66 हजार 790 पद खाली थे। इनमें ग्रुप ए और बी की रिक्तियां शामिल नहीं हैं। रेल महकमे में संरक्षा को लेकर ग्रुप डी के कर्मचारियों की भी अहम भूमिका होती है। इसलिये अब ग्रुप सी और डी में यह नई पालिसी लागू रहेगी।

यह आदेश फर्जी हैं, कोई आदेश जारी नहीं हुआ

आल इंडिया रेलवे फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि तबादला पालिसी का नियम पांच साल ही है। यदि कोई 10 साल वाला कोई आदेश वायरल हो रहा है तो वह फर्जी होगा। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय ने कोई आदेश जारी नहीं किया। वे बोले-पहले पांच साल की नहीं बल्कि 2 साल की ही शर्ते थी जिसे बढ़ाकर 5 किया जा चुका है। उनसे पूछा गया कि यदि यह पत्र असली है तो यूनियन का क्या स्टाइल रहेगा तो उनका कहना था कि 100 फीसद पत्र फर्जी है। वे बोले- 5 साल को लेकर भी कुछ दिक्कतें आ रही हैं इसके समाधान के लिए जोन महाप्रबंधक काम भी कर रहे हैं।


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