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ट्रेन में नशीली नमकीन खिलाकर नकदी उड़ाई

फोटो संख्या-34 सोनीपत से अंबाला जा रहे थे प्रवासी श्रमिक - बेहोशी की हालत में एक सिविल

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Mar 2017 03:00 AM (IST)Updated: Fri, 17 Mar 2017 03:00 AM (IST)
ट्रेन में नशीली नमकीन खिलाकर नकदी उड़ाई
ट्रेन में नशीली नमकीन खिलाकर नकदी उड़ाई

फोटो संख्या-34

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सोनीपत से अंबाला जा रहे थे प्रवासी श्रमिक

- बेहोशी की हालत में एक सिविल अस्पताल में दाखिल

- तीनों बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले

जागरण संवाददाता, पानीपत : पैसेंजर ट्रेन में नशीली नमकीन खिलाकर तीन प्रवासी श्रमिकों को लूट लिया गया। तीनों बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले हैं और बुधवार रात ट्रेन में सोनीपत से अंबाला जा रहे थे। वारदात के बाद एक श्रमिक को सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया। बृहस्पतिवार शाम तक उसे होश नहीं आया था। जीआरपी ने मामले की जानकारी होने से इंकार किया है।

बिहार के सुपौल जिले बेहली गांव निवासी धर्मदेव, लक्ष्मण और विनोद सोनीपत जिले के बड़ी के एक सेलर में पल्लेदारी का काम करते हैं। वहां से बिहार जाने के लिए बुधवार शाम सोनीपत स्टेशन पहुंचे। अंबाला जाने के लिए पैसेंजर ट्रेन में सवार हो गए। उनको अंबाला से बिहार जाने के लिए ट्रेन पकड़नी थी। गन्नौर-पानीपत स्टेशन के बीच ट्रेन में नमकीन बेचने वाला आया। तीनों नमकीन खरीद कर खाने लगे। विनोद ने बताया कि उसको और लक्ष्मण को नमकीन कड़वी लगी। दोनों ने थोड़ी सी नमकीन खाने के बाद छोड़ दी, जबकि धर्मदेव नमकीन खा गया। कुछ देर बाद धर्मदेव बेहोश हो गया और वे दोनों बेशुध हो गए। पानीपत रेलवे स्टेशन से पहले दो को होश आया। दोनों ने अपने बेहोश साथी को पानीपत रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से नीचे उतार लिया। रात को स्टेशन रहे, लेकिन उसको होश नहीं आया। बृहस्पतिवार सुबह उसको सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया। उसने बताया कि जहरखुरानी गिरोह के सदस्य 4000 रुपये, मोबाइल फोन और बैग लूटकर ले गए। बैग में कीमती सामान था। पानीपत जीआरपी एसएचओ ब्रजपाल ने जानकारी होने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि न तो रेलवे स्टेशन से जानकारी मिली और न ही सामान्य अस्पताल से रूक्का आया।

पहले भी सामने आ चुकी घटनाएं

गौरतलब है कि ट्रेनों में इस प्रकार की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। जीआरपी यात्रियों को लगातार सतर्क करती है कि किसी अनजान व्यक्ति या संदिग्ध वेंडर से खाद्य पदार्थ न खरीदें। फिर से कोई न कोई गिरोह का शिकार बन जाता है। आकड़ों के अनुसार जहरखुरानी का शिकार अक्सर प्रवासी मजदूर होते हैं। ट्रेन में किसी भी वेंडर से खाद्य पदार्थ खरीद कर खा ना चाहे तो उसका बेल्ट नंबर जरूर देख लें।


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