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करनाल में ताबड़तोड़ छापेमारी से लिंगानुपात में सुधार, बढ़ी बेटियों की संख्या

करनाल में लिंगानुपात का आंकड़ा 907 से बढ़कर 912 तक पहुंचा। स्वास्थ्य विभाग का एक हजार लड़कों के पीछे एक हजार लड़कियों का लक्ष्य। करनाल में ताबड़तोड़ छापेमारी से लिंंगानुपात में सुधार हुआ है। इससे बेटियों की संख्‍या भी बढ़ी है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 04:21 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 04:21 PM (IST)
करनाल में ताबड़तोड़ छापेमारी से लिंगानुपात में सुधार, बढ़ी बेटियों की संख्या
करनाल में लिंगानुपात में सुधार हुआ है।

जागरण संवाददाता, करनाल। जिले में बेटियां के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आया है। लगातार बढ़ रही बेटियों की संख्या इस बात का सबूत है कि लोगों ने अपनी सोच में कितना परिवर्तन किया है। पिछले सात सालों में एक हजार लड़कों के पीछे जहां बेटियों की संख्या 750 से भी कम थी आज वह बढ़कर 912 तक पहुंच गई है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग ने संदिग्ध अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर नजर रखी है। जिले में गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच के मामले के कई केस पकड़े हैं। कठोर एक्शन व लोगों की धारणा में आए बदलाव से बेटियों की संख्या बढ़ गई है। सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा कि जागरूकता के साथ-साथ कड़े एक्शन के कारण लिंगानुपात की स्थिति में बदलाव आया है। लोगों को बेटियों के प्रति अपनी सोच सकारात्मक करनी होगी।

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सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर विशेष नजर

बेटियों का आंकड़ा बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में कार्यरत 107 केंद्रों में 67 अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है। टीम द्वारा वहां पर लगातार चेकिंग की जा रही है। विभाग द्वारा इन केंद्रों पर किसी भी समय जाकर रिकॉर्ड चेक किया जा सकता हैं। इसके अलावा आइवीएफ सेंटरों पर भी स्वास्थ्य विभाग की नजर है। वहां पर होने वाली डिलीवरी का ब्योरा भी विभाग ने तलब किया हुआ है।

एक हजार लड़कों के पीछे एक हजार लड़कियों का लक्ष्य

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जिले में लिंगानुपात का लक्ष्य एक हजार लड़कों के पीछे एक हजार लड़कियों का रखा गया है। इसके लिए गंभीरता के साथ प्रयास किए जा रहे हैं। प्रसव हर स्थिति में अस्पतालों में ही हों, इसके लिए नजर रखी जा रही है। विभाग का कहना है कि छापामारी के बाद लिंगानुपात में सुधार आया है। वर्तमान में लिंगानुपात 912 तक पहुंचा है। साथ ही भ्रूणहत्या रोकने के लिए सामाजिक संस्थाओं के साथ-साथ आमजन भी प्रयासरत है।

जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 13 जगहों पर की छापामारी

जिले में भ्रूण जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 2021 में 12 जगहों पर छापामारी की। डिप्टी सिविल सर्जन डा. सीनू चौधरी ने बताया कि पीएनडीटी एक्ट के तहत पांच जगहों पर छापा मारा गया। एमटीपी एक्ट के तहत सात जगहों पर छापा मारा गया तो एक डाक्टर भी पकड़ा गया। छह जनवरी 2022 में भी टीम ने पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के अंतगर्त पंजाब के राजपुरा जिला पटियाला के एपी जैन सरकारी अस्पताल के डाक्टर के कमरा नंबर दो पर छापा मारा था। जहां पर भ्रूण जांच की जाती थी।


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