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पानीपत में अवैध नशा मुक्ति केंद्र, नशा छुड़वाने को देते दिल दहलाने वाली यातनाएं

पानीपत में बिंझौल गांव में बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध नशा मुक्ति केंद्र चल रहा था। छापेमारी में यहां से 37 युवकों को मुक्त कराया गया। दो लोग पकड़े गए जबकि संचालक व भवन मालिक की तलाश जा रही है। अवैध रूप से दो साल से चल रहा था।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 09:33 AM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 09:33 AM (IST)
पानीपत में अवैध नशा मुक्ति केंद्र, नशा छुड़वाने को देते दिल दहलाने वाली यातनाएं
पानीपत में अवैध नशा मुक्ति केंद्र चल रहा था।

पानीपत, जेएनएन।  प्रशासन की टीम ने बिंझौल गांव में अवैध रूप से बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे नई किरण नशा मुक्ति केंद्र पर बुधवार को छापा मारकर 37 युवकों को मुक्त कराया। दो लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने केंद्र को सील कर दिया। यहां युवकों का रात भर पीटा जाता था। साथ ही उन्हें खड़ा कर हाथों पर 30 किलो वजन लादा जाता था। वजन नीचे गिरते ही  पिटाई होती थी। संचालक नशा छुड़वाने की एवज में स्वजनों से हर महीने 10 से 12 हजार रुपये वसूल लेते थे। 

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नशा मुक्ति केंद्र से जा चुके एक युवक ने चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को शिकायत की थी कि यहां रह रहे लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। नशा छुड़वाने के नाम पर नशा दिया जाता है। शिकायत के आधार पर एसडीएम स्विप्निल पाटिल, सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा और समाज कल्याण अधिकारी सत्यवान ने पुलिस के साथ मिलकर नशा मुक्ति केंद्र पर दबिश दी। मौके से बीड़ी, सिगरेट और खैनी के पाउच बरामद किए गए। रिकार्ड और कुछ दवा कब्जे में ली गई। वीडियोग्राफी करवाकर पीडि़त युवकों से बातचीत भी की गई। इधर छापे की भनक लगते ही संचालक संजय और मकान मालिक ङ्क्षबझौल का दिलबाग फरार हो गए।  

कमरे में बंधक बनाकर पीटते थे,  भूखा भी रखा जाता था

दो साल पहले बिंझौल गांव के दिलबाग के मकान में संजय नामक युवक ने नई किरण नाम से नशा मुक्ति केंद्र खोला था। यहां पर मतलौडा का महाबीर, किशनपुरा का अंकित और जौरासी गांव का नरेंद्र काम करते थे। एक हॉल में युवकों को रखा जाता था। इसमें रोशनदान की भी व्यवस्था नहीं था। अंदर ही शौचालय बना रखा था। तीन महीने तक एक ही कमरे में बंधक बनाकर रखा जाता था। युवकों ने बताया कि भरपेट भोजन भी नहीं मिलता था। खाना मांगने पर मारपीट करते थे। रात को 12 से सुबह 4 बजे तक सोने नहीं दिया जाता था। 

पुलिस के पहरे में युवक

37 युवकों को एंबुलेंस से सामान्य अस्पताल लाया गया। उनकी मनोरोग चिकित्सक डा. मोना नागपाल ने जांच की। युवकों को अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में रखा गया है। इनके खाने की व्यवस्था जनसेवा दल द्वारा की जाएगी। पुलिस के चार पुलिसकर्मियों का पहरा लगा दिया है। युवकों से बाहरी किसी भी व्यक्ति से नहीं मिलने दिया जा रहा है। 

नंगाकर पीटते थे 

समाज कल्याण विभाग अधिकारी सत्यवान ने बताया कि टीम नशा मुक्ति केंद्र में पहुंची तो एक युवक को खड़ा कर रखा था। हाथों पर काफी वजन रखा था। युवक ने बताया कि तीन घंटे से खड़ा कर रखा है। नंगा कर डंडों से पिटाई की जाती है। नशा दिया जाता है। 

दवा और रिकार्ड की जांच

सिविल सर्जन डा. संतलाल वर्मा ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र से मिली दवा व रिकार्ड की जांच की जा रही है। युवकों के साथ ज्यादती की गई थी। युवकों का सामान्य अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। आठ मरला चौकी पुलिस को शिकायत दे दी गई है। 

फोल्डिंग के मांगे जाते थे एक हजार रुपये

संचालक फोल्डिंग पर सोने के लिए हर महीने एक हजार रुपये ज्यादा वसूलता था। साथ लगते कमरे में सोने के लिए गद्दा भी डाल रखा था। कई तरह की सुविधा था। इस सुविधा की एवज में युवकों के स्वजनों को हर महीने पांच हजार रुपये ज्यादा चुकाने पड़ते थे।


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