दीन-दुखियों की सेवा श्रीमद्भागवत कथा का दूसरा स्वरूप : राधे राधे
सच्ची सेवा से ही हमें यश सिद्धि मान और पद प्राप्त होता है। दीन दुखियों की सेवा ही भागवत कथा का दूसरा स्वरूप है। उक्त बातें पंडित राधे राधे ने मंगलवार को अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित भागवत कथा का भोग डालते वक्त कही।
जागरण संवाददाता, पानीपत : सच्ची सेवा से ही हमें यश, सिद्धि, मान और पद प्राप्त होता है। दीन दुखियों की सेवा ही भागवत कथा का दूसरा स्वरूप है। उक्त बातें पंडित राधे राधे ने मंगलवार को अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित भागवत कथा का भोग डालते वक्त कही। कार्यक्रम में मेयर अवनीत कौर और पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह मुख्यातिथि रहे। पंडित राधे-राधे ने उन्हें स्मृति चिह्न देकर आशीर्वाद दिया।
राधे-राधे महाराज ने कहा कि सच्ची लगन, निष्ठा और आत्मा से किसी की सेवा करके हम मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। भागवत कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि जन्म-जन्मांतर के पुण्य इकठ्ठे होने पर भागवत कथा सुनने का अवसर प्राप्त होता है। भागवत एक ग्रंथ न होकर स्वयं भगवान का स्वरूप है।
पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह ने कहा कि मेरा परिवार केवल सेवाभाव के लिए राजनीति में आया है। हमारा एकमात्र लक्ष्य शहर की सेवा करना है। मेयर अवनीत कौर ने भी पिता की राह पर चलने की बात कही। पंडित राधे-राधे ने हरियाणा ब्राह्मण रक्षा फोर्स के प्रदेशाध्यक्ष अनिल शर्मा को भी सम्मानित किया।
इस मौके पर मदन लाल आजाद, डीबी गोयल, हिमांशु गौतम, वेद पाराशर, विनोद लीखा, डॉ. रमेश चुघ, विमल बंसल, जगन्नाथ गोयल, विमला गोयल, दीपक गोयल, अभिनव मित्तल, सुनील ग्रोवर व जीवन लाल मौजूद रहे।