मित्तल अस्पताल पर छापा, दो दलाल गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पानीपत: जींद के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को गोहाना रोड स्थित एआर मित्तल अ
जागरण संवाददाता, पानीपत: जींद के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रविवार को गोहाना रोड स्थित एआर मित्तल अस्पताल पर छापा मारा। टीम की पौने सात घंटे तक कार्रवाई चली। मौके पर दलाल से पांच हजार और अस्पताल के रिसेप्शन से एक हजार रुपये बरामद किए। पुलिस ने मामला दर्ज करके दो दलाल गिरफ्तार कर लिए। जींद के डिप्टी सिविल सर्जन ने आरोप लगाया कि अस्पताल में भ्रूण की लिंग जांच हुई है, जबकि पानीपत के सिविल सर्जन डॉ. इंद्रजीत धनखड़ ने कहा कि स्थिति स्पष्ट नहीं है। पुलिस जांच करेगी। आइएमए ने जींद की टीम को विरोध किया और जबरन डॉक्टर को झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाकर रोष जताया। वहीं, डॉ. रेनू मित्तल का कहना है कि उसे लिंग जांच नहीं की है।
जींद के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सतीश सुलेख ने बताया कि उन्हें मुखबिर ने सूचना दी कि पानीपत के एक अस्पताल में भ्रूण की लिंग जांच की जाती है। उन्होंने एक गर्भवती महिला को फर्जी ग्राहक बनाया। दलाल प्रदीप ने महिला को रविवार सुबह पानीपत बुलाया। इसके बाद डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुलेख, विकास देशवाल, ड्रग्स कंट्रोलर मनदीप, पांच पुरुष व दो महिला पुलिसकर्मी की टीम अलग-अलग गाड़ियों से फर्जी ग्राहक को लेकर पानीपत पहुंची। ग्राहक को बिचौलिया कार से लेकर गोहाना रोड स्थित एएआर मित्तल अस्पताल के सामने पेट्रोल पंप पर लेकर आया। वहां पर दलाल अहर गांव का प्रदीप और अटावला का महीपाल बाइक से पहुंचे। वे महिला को एआर मित्तल अस्पताल में ले गए। आरोप है कि महीपाल ने महिला को अपनी पत्नी बताकर अपना आधार कार्ड देकर 1100 रुपये की अल्ट्रासाउंड की रशीद कटाई और 5000 रुपये दलाल प्रदीप ने ले लिए। महिला का इशारा मिलते ही टीम ने अस्पताल में छापा मारा और पानीपत के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुधीर बतरा, डॉ. शालिनी मेहता, डॉ. सुखदीप कौर और थाना चांदनी बाग प्रभारी जसपाल सिंह की टीम भी पहुंची। टीम ने मौके से प्रदीप से एक-एक हजार के पांच नोट और रिपेप्शन से एक हजार का नोट बरामद किया। जींद की टीम ने डॉ. रेनू मित्तल पर भ्रूण लिंग जांच का आरोप लगाया। इसकी सूचना मिलते ही आइएमए के प्रधान दीपक भारद्वाज, डॉ. प्रताप मलिक, डॉ. मोहित आनंद, डॉ. सुमित, पार्षद सुरेंद्र गर्ग और अन्य कई डॉक्टर पहुंच गए। उन्होंने जींद की स्वास्थ्य विभाग की टीम पर आरोप लगाया कि वे जबरन डॉक्टर को झूठे मामले में फंसाना चाहती है। अगर डॉक्टर के साथ ज्यादती हुई तो जिले के अन्य अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद क दिए जाएंगे। आइएमए सड़कों पर उतरेगी। पुलिस ने दलाल महीपाल और प्रदीप को गिरफ्तार कर लिया। देर रात स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुधीर बतरा ने एआर मित्तल अस्पताल की अल्ट्रासाउंड की मशीन सील कर दी। वहीं दलाल प्रदीप पुलिस के सामने दावा करता रहा कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। महिपाल ने उसे बताया कि था कि रिश्तेदार महिला का अल्ट्रासाउंड कराना है। वह तभी अस्पताल आया है।
लोगों ने लगाया दो मिनट जाम
जींद की टीम की कार्रवाई से खफा आसपास के लोग अस्पताल के सामने रोहतक-पानीपत हाईवे पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। उन्होंने कहा कि वे डॉक्टर के खिलाफ अन्याय नहीं होने देंगे। दो मिनट तक जाम लग गया। पुलिस ने लोगों को समझाया और जाम को खुलवाया।
भ्रूण लिंग जांच की है: सुलेख
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सतीश सुलेख ने बताया कि उसने गर्भवती महिला व उसके कथित पति को एक-एक हजार के छह नोट साइन करके दिए थे। प्रदीप ने महिला को बताया था कि डॉक्टर उसे यह नहीं बताएगी कि गर्भ में लड़का है या लड़की। वे यह बताएगी कि पॉजीटिव या नेगेटिव। पॉजीटिव होगा तो लड़का। नेगेटिव होगा तो लड़की होगी। डॉ. सुलेख ने दावा किया कि डॉ. रेनू ने उसे बताया कि पॉजीटिव है। इसके बाद ही महिला ने उन्हें सूचना दी। दलाल प्रदीप से पांच और अस्पताल के रिसेप्शन से एक हजार रुपये बरामद किए गए। डॉ. सुलेख ने बताया कि दलाल प्रदीप अल्ट्रासाउंड कराने का फीस का 20 प्रतिशत हिस्सा लेता था।
दोनों टीमों में कार्रवाई पर विरोधाभास
जींद की टीम को शायद पानीपत के स्वास्थ्य विभाग पर भरोसा नहीं था। तभी तो टीम ने अस्पताल में छापा मारने के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम को बुलाया। इस कार्रवाई को लेकर दोनों ही जिलों की टीमों में विरोधाभास है। डॉ. सुलेख दावा कर रहे हैं कि लिंग भ्रूण जांच किया गया है। जबकि डॉ. सिविल सर्जन डॉ. इंद्रजीत धनखड़ का कहना है कि अल्ट्रासाउंड की डॉक्टर ने रशीद काट रखी है। फार्म भी भरवा रखा था। आइडी प्रूफ भी लगा था। महिला आठ माह की गर्भवती है। लिंग जांच होने की अभी पुष्टि नहीं हुई है। मामले की जांच के लिए थाना चांदनी बाग पुलिस को शिकायत दी है।
वर्जन
डॉ. रेनू ने भ्रूण लिंग जांच नहीं किया है। अगर दलालों ने डॉक्टर का नाम बदनाम कर अपनी जेब भरने का प्रयास किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो। गलत काम करने वालों को सजा मिले।
डॉ. दीपक भारद्वाज, जिला प्रधान, आइएमए
वर्जन
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुधीर बतरा की शिकायत पर धारा 420, 120 बी और पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत मामला दर्ज करके दलाल प्रदीप और महिपाल को गिरफ्तार कर लिया है।
जसपाल सिंह, प्रभारी थाना चांदनी बाग
डॉक्टर डीसी निवास पहुंचे
इस घटना के बाद डॉक्टर व स्थानीय लोग डीसी से मिलने उनके निवास पर पहुंचे। वहां पर डीसी डॉ. चंद्रशेखर खरे न होने पर वे सिविल सर्जन के निवास पर गए। सीएमओ नहीं मिले तो डॉ. दीपक भारद्वाज ने डीसी से बात की और फिर वे थाना चांदनी बाग पहुंचे।
ऐसे दिया ऑपरेशन को अंजाम
जींद की टीम दिल्ली पैरलल नहर पर दो घंटे तक रही। एक होम्योपैथिक की दुकान पर काम कर चुके दलाल प्रदीप ने फोन कर महिला को बताया कि वह ढाई घंटे बाद उसे अस्पताल के पास बुलाएगा। इसकी रिकार्डिग की गई थी। दलाल प्रदीप, महिपाल, महिला व बिचौलिये ने अस्पताल के सामने पेट्रोल पंप के पास कार में 20 मिनट तक बात की। इसके बाद ही टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया।