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पानीपत नगर निगम में काम नहीं होने से जनता परेशान

कमिश्नर बैठक छोड़कर चले गए। उस बैठक के बाद भी अब तक आम लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। लाइनों में उसी तरह लगे हैं। धक्के उसी तरह खा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Mar 2021 06:39 AM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 06:39 AM (IST)
पानीपत नगर निगम में काम नहीं होने से जनता परेशान
पानीपत नगर निगम में काम नहीं होने से जनता परेशान

जागरण संवाददाता, पानीपत : नगर निगम के हाउस की बैठक में प्रापर्टी आइडी बनाने में दलाली से शुरू हुआ विवाद आखिरकार विवाद पर ही खत्म हुआ। कमिश्नर बैठक छोड़कर चले गए। उस बैठक के बाद भी अब तक आम लोगों को राहत नहीं मिल सकी है। लाइनों में उसी तरह लगे हैं। धक्के उसी तरह खा रहे हैं। हां, शाम को अब दलाल सक्रिय नहीं हैं। लोगों की परेशानी को देखते हुए छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। पर इस कमेटी ने अब तक कोई सुझाव नहीं दिया। कोई काम शुरू नहीं किया।

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चार साल में हुआ बिल ठीक

सेक्टर 25 इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के महासचिव सुभाष नारंग का कहना है कि उनको प्रापर्टी टैक्स का गलत बिल भेजा गया। निगम ने बिल में उनकी जगह 280 गज दिखाई, जबकि जगह 390 गज थी। इसे ठीक करवाने के लिए चार साल तक निगम के चक्कर काटे। निगम का टैक्स अधिक चाहिए था। उन्होंने डिमांड कम निकाली। चार साल तक चक्कर लगाने के बाद उनका बिल ठीक हुआ। यदि किसी दलाल को बीच में लेता तो चक्कर नहीं लगाने पड़ते। प्रापर्टी आइडी और प्रापर्टी टैक्स बिल ठीक करने की प्रक्रिया सरल की जाए।

इंडस्ट्री को घर बना दिया

सेक्टर 25 में एक उद्योग को निगम ने रिकार्ड में घर दिखा दिखा दिया। उद्यमी पिछले तीन महीने से इंडस्ट्री दर्ज करने के लिए निगम के चक्कर लगा रहे हैं। निगम के अधिकारी भी मौका देख चुके हैं। बिल ठीक नहीं किया जा रहा।

मंदिर पर कॉमर्शियल का टैक्स भेजा

श्री राम मंदिर सेक्टर 11-12 के प्रधान भारत भूषण गुप्ता ने कहा कि मंदिर को कॉमर्शियल दिखा दिया गया। जगह कम है। बिल ज्यादा का भेजा गया। बिल ठीक करवाने के निगम के कई चक्कर लगा चुके हैं। पैसे देने के लिए तैयार निगम बिल ही ठीक नहीं कर रहा।

सोमवार को होगी मीटिग

कमेटी सदस्य पार्षद लोकेश नांगरू ने बताया कि छह सदस्यों की बैठक सोमवार आठ मार्च को होगी। बैठक में इस पर विचार किया जाएगा। उसके बाद निगम को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

क्या है समस्या

प्रापर्टी आइडी बनाने के लिए फाइल 7-8 अधिकारियों के पास जाती है। जेई, एमई, एक्सईएन, एसई, चीफ इंजीनियर तक फाइल जाती है। इन अधिकारियों के साइन होने बाद वापस नीचे आती है। उसके बाद एल-1, एल-2 बनता है। इस प्रकार प्रापर्टी आइडी बनाने की प्रक्रिया बहुत समय लगता है। इस लंबी कठिन प्रक्रिया के चलते भ्रष्टाचार बढ़ा है। धक्के खाने के स्थान पर लोगों को दलालों की शरण में जाना पड़ता है।

क्या है समाधान

प्रापर्टी आइडी बनाने के लिए टैक्स सुपरिटेंडेंट, जेई सहित तीन अधिकारियों की ड्यूटी होनी चाहिए। ज्यादा अधिकारियों के पास फाइल जाने से समय अधिक लगता है। टैक्स पेयर जैसे ही फाइल जमा करवाता है। उसमें यदि कोई आब्जेक्शन है तो उसे साथ-साथ हल किया जाना चाहिए। जेई अथवा बिल्डिंग निरीक्षक को साथ-साथ साइट पर जाकर फोटो मोबाइल पर लेकर फाइल को पूरा करवाना चाहिए। प्रापर्टी आइडी के लिए एक वक्त तय होना चाहिए। उस तय वक्त के अंदर काम नहीं होता तो संबंधित क्लर्क, अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए।


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