जेठानी की हत्या के बाद देवरानी ने जेठ और हत्यारोपित पति को किया पर्दाफाश, लड़कियां सप्लाई करते दोनों
Panipat Murder पानीपत में देहव्यापार करने से मना करने पर भाभी की हत्या कर दी गई। मामले में हत्यारोपित की पत्नी ने का आरोप है कि जेठ और पति लड़कियां सप्लाई करते।
पानीपत, जेएनएन। Panipat Murder पानीपत में देहव्यापार करने से मना करने पर महिला की हत्या मामले में हत्यारोपित की पत्नी ने बड़ा पर्दाफाश हुआ है। महिला ने बताया कि उसकी भाभी की हत्या के बाद पति उसे भी मार डालना चाहता था। लेकिन वह भाग निकली। उसका आरोप है कि पति और उसका बड़ा भाई मेरा जेठ लड़कियां सप्लाई करता। वे हम दाेनों से भी देहव्यापार करना चाहता था। जब भाभी ने विरोध किया तो पति ने उन्हें मार डाला।
बता दें, फतेहपुरी चौक पर रात करीब नौ बजे सरेबाजार तहसील कैंप निवासी कविता की उसके देवर भरत ने हत्या कर दी। हत्यारोपित की पत्नी प्रिया ने बताया कि पति भरत उसे (प्रिया) और भाभी कविता से देह व्यापार करना चाहता था। इसी वजह से घर में झगड़ा होता था। तब दोनों देवरानी और जेठानी अलग रहने लगीं। शनिवार रात को दोनों एक्टिवा पर बाजार आई थीं। दोनों चाऊमीन खाकर निकली। कविता एक्टिवा चला रही थी। तभी भरत ने पीछे से कविता को धक्का देकर नीचे गिराया। उसकी छाती में चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए।
प्रिया ने भागकर जान बचाई
भरत तो प्रिया को भी मारना चाहता था। वह उसकी तरफ बढ़ा भी। इससे पहले कि वो चाकू मार पाता, प्रिया ने भागकर खुद को बचाया। इसके साथ ही उसने शोर मचा दिया। भीड़ देखकर भरत ने भागने का प्रयास किया।
लड़कियां सप्लाई करता है पति और जेठ
प्रिया ने बताया कि उसका हत्यारा पति भरत और जेठ शैंकी लड़कियां सप्लाई करने का काम करता है। उन्हें भी इसी काम में लगाना चाहते थे। नहीं माने तो भाभी को मार डाला।
पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में
फतेहपुरी चौक पर कविता के हत्यारे देवर भरत को लोगों ने पकड़ तो लिया लेकिन बड़ा सवाल ये है कि कोई कैसे पुलिस पर भरोसा करे। प्रिया ने बताया कि पांच दिन पहले उसका पति उनके घर में घुस आया था। उसके सिर पर चोट पहुंचाई। उसने बाथरूम में खुद को बंद करके अपनी जान बचाई। भरत ने घर में काफी तोडफ़ोड़ की। इसके बाद उन्होंने किला थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत पर कुछ नहीं किया। इस वजह से पति खुलेआम घूमता रहा। रात को भी जब पति पीछा कर रहा था, तब पुलिस को बताया। अगर समय पर मदद मिल जाती तो कम से कम कविता की जान नहीं जाती। वह दोनों से देहव्यापार करना चाहता था।
कविता के दो बेटे, ब्यूटी पार्लर चलाती है
कविता के दो बेटे हैं। वह ब्यूटी पार्लर चलाती थी। एक बेटा दस वर्ष का कृष्ण और दूसरा छह वर्ष का गौरव। देवरानी प्रिया ने बताया कि गौरव को बुखार हुआ था। उसकी दवा लेने के लिए ही निकले थे। रास्ते में चाऊमीन खाई। इसके बाद केले की रेहड़ी पर रुके। वहीं पर भरत ने हमला कर दिया।
रक्षाबंधन पर खुश थी कविता
कविता के भाई अरुण ने बताया कि वह छह भाई और दो बहनें हैं। रक्षाबंधन के दिन कविता उनके घर सफीदों आई थी। तब वो बहुत खुश थी। कह रही थी कि पति के चंगुल से निकल आई है। अब आराम से ब्यूटी पार्लर चलाएगी और बच्चों को बड़ा करेगी। उन्हें क्या पता था कि उनकी बहन को देवर ही मार डालेगा। अगर पता होता तो वह उसे घर ही नहीं जाने देते।
मासूम को पता नहीं, मां नहीं रही
छह वर्ष का गौरव उस समय वहीं था। उसे कभी प्रिया गोद में उठाती तो कभी कोई पुचकारता। वह पूछता कि मम्मी कहा है तो किसी के पास जवाब नहीं होता। उसकी निगाहें बार-बार मां को ढूंढ रही थी। पर कोई उसे कविता के पास नहीं ले जा रहा था। लेकर भी कैसे जाते, और क्या कहते। गौरव की तरह ही सभी असहाय थे उस पल।
भीड़ देखती रही, रिकू आर्य ले गए अस्पताल
नई पहल वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य एक गाय का इलाज कराके लौट रहे थे। एसोसिएशन के रिंकू आर्य ने बताया कि रास्ते में उन्होंने भीड़ देखी। पास जाकर देखा तो एक महिला खून से लथपथ तड़प रही थी। अभी सांसें चल रही थी। उन्होंने अपना परना उतारा और खून रोकने की कोशिश की। साथियों के साथ मिलकर महिला को अस्पताल ले गए। यहां गेट तक उसकी सांसें चल रही थी। कुछ ही देर में उसने दम तोड़ दिया। अगर भीड़ में से कुछ लोग पहले ही उसे ले आते तो शायद उसकी जान बच सकती थी।
डीके पंडित ने पकड़ा
मौके पर मौजूद डीके पंडित ने बताया कि उन्होंने युवक के हाथ में चाकू देखा। वह उसे पकडऩे के लिए दौड़े। वह एक घर में घुस गया। उसे वहां से बाहर निकाला। उसी समय पुलिस को बुलाकर उनके हवाले कर दिया। पुलिस को चाकू भी बरामद करा दिया है।