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Progressive Farmer: परंपरागत खेती छोड़ लगाए अमरूद के बाग, अब हो रहे मालामाल, दूसरे राज्‍यों में डिमांड

कैथल में धान व गेहूं की खेती छोड़ वीएनआर किस्म अमरूद का लगाया बाग। दो एकड़ से चार लाख सालाना आमदनी हो रही है। अजय प्रताप ने घटते जलस्तर को बचाने के लिए बागवानी ठानी थी। अब दूसरे राज्‍यों में अमरूद की डिमांड है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 04:59 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 04:59 PM (IST)
Progressive Farmer: परंपरागत खेती छोड़ लगाए अमरूद के बाग, अब हो रहे मालामाल, दूसरे राज्‍यों में डिमांड
अमरूद के बाग को दिखाते किसान अजय प्रताप।

कैथल, जागरण संवाददाता। लकीर से हटकर जिसने भी काम किया, उसने ही नए आयामों को छुआ। पारंपारिक खेती बाड़ी जब घाटे का सौदा बनने लगी व पैदावार घटने लगी तो कलायत के किसान अजय प्रताप ने अमरुद का बाग लगाने की ठानी। शुरुआत में साथी किसानों ने प्रयोग को लेकर डराया भी, लेकिन अजय प्रताप आगे बढ़ते रहे। आज अमरूद के दो एकड़ बाग से चार लाख रुपये की आमदनी कर रहे है।

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किसान अजय प्रताप बताते है कि अब दो एकड़ के बाग से अच्छी खासी आमदनी हुई तो उन्होंने साढ़े चार एकड़ जमीन पर ओर बाग लगा दिया है, अगली साल तक वो भी फल देना शुरू कर देगा। अब उनके पास साढ़े छह एकड़ में बाग हो गया है। उनका कहना है कि धान व गेहूं की खेती पानी ज्यादा मांगती है, इससे जलस्तर घटता जा रहा था। उस जलस्तर को बचाने के लिए बागवानी की तरफ रूझान बढ़ाया है। अमरूद का बाग लगाकर अन्य किसान भी अच्छी आमदनी कर सकते हैं। पानी की बचत में बागवानी खेती सबसे बेहतर है।

वीएनआर किस्म के लगाए अमरूद

किसान बताते है कि उन्होंने अपने बाग में वीएनआर अमरूद की किस्म के पौधे लगाए हुए है। खाने में इसकी क्वालिटी लाजवाब होती है। किसान बताते है कि उन्होंने दो एकड़ के बाग में 300 पौधे लगाए हुए हैं। अब सालाना दो एकड़ के बाग से चार लाख रुपये की कमाई हाे रही है। बाग में पौधों की निराई, गुड़ाई समय पर करते है। 2015 से गेहूं व धान की फसल छोड़कर अमरूद की खेती शुरू की हैं। वीएनआर किस्म का अमरूद 10 महीने तक फल देता है। इस अमरूद में कीड़ा नहीं लगता है। सबसे ज्यादा इस अमरूद की डिमांड रहती है। गोबर के खाद का प्रयोग किया जाता है। जैविक ये बाग तैयार होता है।

यहां करते है अमरूद सप्लाई

किसान अजय प्रताप बताते है कि उनको अमरूद बेचने के लिए मंडी में नहीं जाना पड़ता है। खेत से ही व्यापारी खरीदकर ले जाते है। यूपी, राजस्थान, हरियाणा के जींद, अंबाला, नरवाना तक अमरूद की सप्लाई हो रही है। वहीं पंजाब के जालंधर, अमृतसर, बठिडा शहर से अमरूद के व्यापारी आते है। अच्छी खासी डिमांड है।

बागवानी विभाग के डीएचओ प्रमोद कुमार ने बताया कि बाग लगाकर किसान अच्छी आमदनी कर सकते है। सालाना अच्छी कमाई होती है। किसान अजय प्रताप बागवानी में अच्छा काम करे है। अन्य किसानों को भी अमरूद का बाग लगाना चाहिए।


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