कोरोना का बढ़ रहा खतरा, स्कूल बंद के विरोध में कैथल की सड़कों पर गुरुजी
हरियाणा में कोरोना की वजह से सरकार ने स्कूल बंद करने के आदेश दिए हैं। निजी स्कूल संचालक इसका विरोध कर रहे हैं। वीरवार को संचालक और टीचरों ने कैथल में विरोध प्रदर्शन करते हुए डीसी को ज्ञापन सौंपा है।
कैथल, जेएनएन। शिक्षा विभाग और निजी स्कूल संचालकों में टकराव जारी है। एक तरफ जहां शिक्षा विभाग पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए निजी स्कूल संचालकों से स्कूल बंद करने का आह्वान कर रहा है, वहीं निजी स्कूल संचालक स्कूल खोले रखने की जिद्द पर अड़े हैं।
उनका कहना है कि व कोई अपराध नहीं, बल्कि बच्चों को शिक्षा देने का कार्य रहे है। जहां शिक्षा विभाग ने स्कूलों पर कार्रवाई करने की बात कही है, वहीं प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन करनाल रोड से लघु सचिवालय तक एक रोष मार्च निकाला। इस रोष प्रदर्शन के दौरान जिले में 250 से अधिक स्कूलों के संचालक अपने स्कूलों के अध्यापकों व स्टाफ सदस्यों के साथ सड़कों पर उतरे। इस दौरान संचालकों ने डीसी को सीएम मनोहर लाल के नाम एक ज्ञापन सौंपा।
एसोसिएशन द्वारा शिक्षा बचाओ उद्देश्य को लेकर यह रोष मार्च निकाला गया। प्रदर्शन के दौरान एसोसिएशन के सभी सदस्य जाट कालेज में एकत्रित हुए। जिसके बाद वह प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय में पहुंचे। स्कूल संचालकों ने आरोप लगाया कि सरकार सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए ऐसा कर रही है। यदि सरकार निजी स्कूलों में कार्यरत शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ सदस्याें का वेतन सरकार दे तो वह उनके स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों की फीस भी माफ कर देंगे और स्कूलों को भी बंद कर देंगे।
शराब के ठेके खुले, स्कूल कर दिए बंद
प्रदर्शन के दौरान निजी स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के राज्य महासचिव वरूण जैन ने कहा कि सरकार केवल स्कूलों को बंद करके स्कूल संचालकों पर गाज गिरा रही है, जबकि शराब के ठेके नाइट कर्फ्यू के दौरान भी खुले रहते हैं। ऐसे में सरकार ने स्कूलों को ही क्यों बंद किया है। एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर सोमवार तक स्कूलों को बंद किया है। इसके बाद भी सरकार उनके स्कूल खोलने की मांग नहीं मानती है तो वह इसके बाद स्कूल और स्कूल बसों की चाबी सौंपने का कार्य करेंगे।
डीईओ दाखिला फीस न लेने का पत्र कर चुके हैं जारी
बता दें कि जिले में कुछ दिन पहले अभिभावकों द्वारा निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूलने के आरोप में 300 के करीब सीएम विडों में शिकायतें दी गई थी। उसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय द्वारा दाखिला फीस न लेने को लेकर पत्र जारी किया था। जिसमें पिछले वर्ष अक्टूबर में जारी हुए हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है। इस पत्र में स्कूलों द्वारा दाखिला फीस वसूलने पर उनके स्कूल की मान्यता रद करने की भी बात कही थी। अब स्कूलों के बंद होने के बाद निजी स्कूल संचालकों को यह भी डर है कि कहीं अभिभावक उन्हें फीस न दें।