प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए सिघम बने निगम अफसर, प्रिस हैंडलूम सील
जागरण संवाददाता पानीपत निगम के कमिश्नर सुशील कुमार को निलंबित करने की सिफारिश का ए
जागरण संवाददाता, पानीपत : निगम के कमिश्नर सुशील कुमार को निलंबित करने की सिफारिश का ऐसा असर हुआ है कि प्रापर्टी टैक्स जमा नहीं कराने पर नगर निगम के अधिकारी सिघम मोड में आ गए हैं। निगम ने सोमवार को जीटी रोड पर प्रिस हैंडलूम को सील कर दिया। इस पर 1.30 करोड़ का प्रापर्टी टैक्स बकाया है। भारी पुलिस फोर्स के साथ निगम की टीम शाम चार बजे जीटी रोड स्थित शोरूम पर पहुंची। शोरूम का शटर गिराक र उसे सील किया गया। सील लगने से उद्यमियों, व्यापारियों में दहशत है। अब हर कोई अपना हिसाब किताब देख रहा है कि उन्होंने टैक्स भरा है या नहीं। भारी पुलिस फोर्स साथ होने के कारण शोरूम मालिक ने कोई विरोध नहीं किया। व्यापारी यह कहते रहे है उनकी तरफ कोई बकाया नहीं है। उन्होंने टैक्स भरा हुआ है।
प्रिस हैंडलूम के मालिक अशोक बांगा ने 2014 में बजाज हैंडलूम से यह शोरूम खरीदा था। बजाज हैंडलूम की तरफ टैक्स बकाया था। करीब 12 साल से यह भुगतान नहीं किया गया है। तीन दिन पहले निगम ने नोटिस चस्पा किया था। अशोक बांगा ने जागरण को बताया कि रजिस्ट्री करवाते समय एनओसी यानी नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट ले लिया था। उसके बाद भी उन्होंने टैक्स भरा। शनिवार को यह नोटिस चस्पा किया गया। सोमवार सुबह से उनका स्टाफ नगर निगम में बैठा हुआ है। निगम के अधिकारी कोई जानकारी ही नहीं दे रहे। काफी मिन्नतें की, लेकिन शाम को शोरूम सील कर दिया गया। डेढ़ घंटे में मिली फोर्स, अब मित्तल माल होगा सील
हैंडलूम शोरूम को सील करने के लिए निगम को डेढ़ घंटे बाद फोर्स मिली। पुलिस फोर्स साथ होने के कारण व्यापारी विरोध नहीं कर पाए। सोमवार तो मित्तल माल भी सील होना था। पुलिस न मिलने के कारण माल सील नहीं हुए। निगम में पहुंचे प्रमुख व्यापारी
शोरूम सील होने पर अशोक बांगा के साथ शहर में प्रमुख व्यापारी रमेश माटा, चंदन विज, अशोक जुनेजा नगर निगम कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने नगर कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह को बताया कि उनकी तरफ प्रापर्टी टैक्स बकाया नहीं है। उन्होंने ऑनलाइन प्रापर्टी टैक्स भरा है। इस पर नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने कहा कि यह प्रापर्टी नगर निगम की रिकार्ड में बजाज हैंडलूम के नाम से है। शोरूम खरीदने के दौरान कोई एनओसी नहीं ली गई है। यदि प्रापर्टी खरीदते समय निगम को जानकारी देते तो पता लग जाता कितना टैक्स बकाया है। यदि इस संपत्ति के लिए किसी भी अन्य आइडी में पैसे जमा करवाए हैं तो हमें दिखाएं। उसे एडजस्ट कर दिया जाएगा। जब तक बकाया नहीं भरा जाएगा, सील नहीं खोली जा सकती। व्यापारी निराश लौट गए। 1.30 करोड़ का टैक्स बकाया
कार्यकारी अधिकारी बलबीर सिंह ने बताया कि एक करोड़ 30 लाख 10 हजार 398 रुपये का बिल इस संपत्ति पर बकाया है। इस संपत्ति पर जो भी काबिज हो, उसी से हमने बिल वसूलना है। हर साल इन्हें नोटिस दिया गया है। कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी। इसीलिए यह कार्रवाई की है। पचास लाख से अधिक टैक्स बकायादारों पर कार्रवाई
निगम ने 50 लाख से अधिक का टैक्स बकायादारों पर कार्रवाई शुरू की है। 50 व्यापारिक संस्थान, माल, शोरूम की सूची निगम ने तैयार की है। लक्ष्य से कई गुना पीछे निगम
वर्ष हाउस टैक्स (लक्ष्य) वसूली
2017-18 46 करोड़ 3 करोड़
2018-19 55 करोड़ 13 करोड़
2019-20 33 करोड़ 7.42 करोड़
2020-21 40 करोड़ 1.63 करोड़ (छह माह में)