Panipat News: प्राइमरी के बच्चे को अब अगली कक्षा में जाने से पहले देनी होगी अब ये परीक्षा, पढ़ें क्या होगा मापदंड
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने प्राइमरी क्लास की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक नया कदम उठाया है। अब प्राइमरी के बच्चे को अगली कक्षा में जाने से पहले निपुणता की परीक्षा देनी होगी। अगर वह इस निपुण परीक्षा में पास नहीं हो पाते हैं तो उस बच्चे को अगली कक्षा में शुरुआती तीन माह तक पिछली कक्षा की पढ़ाई करनी होगी।
जागरण संवाददाता, पानीपत। शिक्षा विभाग ने एफएलएन (आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक) के तहत प्राइमरी कक्षाओं (Primary Classes) में शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए नई पहल की है। अब अगली कक्षा में जाने से पहले पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों को निपुण किया जाएगा। इसके तहत बच्चे को निपुणता की परीक्षा (Proficiency Test) देनी होगी।
पास होने वाले को मिलेगा निपुण विद्यार्थी का दर्जा
अगर वो पास नहीं होता है तो उसे निपुण विद्यार्थी का दर्जा नहीं मिल पाएगा और उसे नए शैक्षणिक सत्र में पहले तीन महीने में पिछली क्लास के पाठ्यक्रम को दोबारा करवाया जाएगा। स्कूल शिक्षा निदेशालय के पत्र के मुताबिक प्रदेश के राजकीय स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए एफएलएन (आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक) के तहत विद्यार्थियों को पढ़ाई कराई जा रही है।
रेमेडियल क्लासेज देकर बनाया जाएगा निपुण
अब स्कूल मुखिया अपने-अपने स्कूलों में एफएलएन विद्यार्थियों की संख्या को दर्शाएंगे ताकि नए सत्र में अगली कक्षा में प्रवेश करने से पहले बच्चों की कमियों को दूर किया जा सके। पहली से तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को एफएलएन के तहत रेमेडियल क्लासेज देकर निपुण बनाया जाएगा।
बाल वाटिका से तीसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को हिंदी और गणित में निर्धारित सूची में से दो अक्षर वाले पांच शब्दों को सही से पढ़ना होगा। पहली कक्षा के बच्चों को पांच सरल शब्दों के दो अक्षर से बने वाक्य पढ़ने होंगे। जबकि दूसरी कक्षा के बच्चों को अनुच्छेद को 45 शब्द प्रति मिनट के प्रवाह से पढ़ना और अनुच्छेद को पढ़कर 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही हल करने होंगे।
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कक्षा दूसरी के बच्चों को 99 तक जोड़ आना जरूरी
गणित में बाल वाटिका के बच्चों को 10 तक संख्या पढ़नी आनी चाहिए। एक अंकीय जोड़ व घटाव के 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही हल करना। कक्षा दूसरी के बच्चों को 99 तक जोड़, दो अंकीय घटाव के 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही हल करना, कक्षा तीसरी के बच्चों को 999 तक जोड़, तीन अंकीय का घटाव के 75 प्रतिशत प्रश्नों को सही हल करना जरूरी है।
बच्चों में पढ़ने की कला होना जरूरी हिंदी में बच्चों को निपुण बनाने के लिए मूलभूत भाषा एवं साक्षरता, शब्दावली, रीडिंग कंप्रीहेंशन, मौखिक भाषा का विकास, पठन प्रवाह, प्रिंट के बारे में अवधारणा, लेखन और कल्चर आफ रीडिंग में परिपक्व बनाना होगा।
कोई बच्चा यह सब पढ़ने व समझने में सक्षम नहीं है तो उस विद्यार्थी को निपुण छात्र का दर्जा नहीं दिया जाएगा। ऐसे में उसे नए सत्र में पहले तीन महीने पिछली क्लास के पाठ्यक्रम को दोबारा करवाया जाएगा।ताकि बच्चा निपुण हो सके व अगली क्लास के पाठ्यक्रम को भी आसानी से समझ सके।
कक्षा तीन तक एफएलएन के तहत करवाई जा रही पढ़ाई
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राकेश बूरा ने बताया कि सभी राजकीय स्कूलों में बाल वाटिका से लेकर कक्षा तीन तक एफएलएन के तहत पढ़ाई करवाई जा रही है।
प्रत्येक छात्र को उसकी दक्षता के आधार पर निपुण छात्र का दर्जा दिया जाता है ताकि अगली कक्षा में जाने से पहले ही पढ़ाई में निपुण किया जा सके। यदि उसे जरूरत पढ़ती है तो बच्चों को उपचारात्मक कॉलेज भी दी जाएंगी।
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