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कुरुक्षेत्र में पिछले एक साल में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने लिए 155 सैंपल, 21 हुए फेल

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. संदीप ने बताया कि जो 21 सैंपल फेल हुए हैं। उनमें से ज्यादातर पर जवाब मांगा गया है। मानकों पर खरा नहीं उतरने पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

By Pankaj KumarEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 11:45 AM (IST)
कुरुक्षेत्र में पिछले एक साल में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने लिए 155 सैंपल, 21 हुए फेल
आठ सैंपल पनीर के हुए फेल, इनमें से पांच पिहोवा के भी शामिल।

 कुरुक्षेत्र, जेएनएन। त्योहारी सीजन चल रहा है ऐसे में मिठाइयों की डिमांड बढ़ गई है। इसके साथ ही घटिया गुणवत्ता और नकली मिठाइयों का गौरखधंधा भी इन्हीं दिनों में फलता फूलता है। स्वास्थ्य विभाग ने इसी पर नकेल कसने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी जारी कर रखी है। अभी तक जिले में चार अवैध रसगुल्ला बनाने वाली फैक्ट्रियों को पकड़ चुका है। जबकि इनके सैंपलों की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। वहीं अगर बात करें तो जिले में पूरे साल में जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने 155 मिठाइयों और खाद्य पदार्थों के सैंपल भरे हैं। इनमें से 21 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें से अकेले आठ सैंपल पनीर के हैं।

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पिहोवा में पांच पनीर के सैंपल फेल

स्वास्थ्य विभाग की नजरें पिहोवा में खास तौर पर बनी हुई है। एक साल में विभाग ने 155 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए। इनमें से 21 मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें से आठ पनीर के सैंपल है और पांच पिहोवा से लिए गए थे।  यहां पर जो पनीर बेचा जा रहा है वह मानकों पर खरा नहीं उतर रहा। इसी के चलते सोमवार को भी स्वास्थ्य विभाग ने ही यहां से एक पनीर का सैंपल भरा है।

मांगा गया है जवाब : डा. संदीप

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. संदीप कादियान ने बताया कि जो 21 सैंपल फेल हुए हैं। उनमें से ज्यादातर पर जवाब मांगा गया है। इनमें से कुछ मामलों पर एसडीएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जो अभी विचाराधीन है। मानकों पर खरा नहीं उतरने पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। आगे भी सैंपलिंग करने की कार्रवाई यूंही जारी रहेंगी।

एक माह पहले लिए देशी घी के सैंपल फेल, वनस्पति ऑयल मिलाकर करते थे तैयार

 जींद। गाय का घी व देशी घी में मिलावट करके लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वनस्पति ऑयल मिलाकर तैयार घी को देशी बताकर बेचा जा रहा है। ऐसा ही खुलासा जिला खाद्य एवं सुरक्षा विभाग को मिली सैंपल रिपोर्टो में हुआ। पिल्लूखेड़ा में खाद्य एवं सुरक्षा विभाग द्वारा चौधरी मिल्क फूड, जय दुर्गा फूड प्रोडेक्ट के लिए गए दस सैंपल गुणवत्ता के मापदंडो पर खरे नहीं पाए गए हैं। प्रशांत ब्रांड का गाय का घी अनसेफ पाया गया है। जबकि अन्य ब्रांड सबस्टैंडड तथा मिस ब्रांडेड पाए गए हैं। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग द्वारा दोनों फर्मो के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

त्योहारों के सीजन के मध्यनजर खाद्य एवं सुरक्षा विभाग पंचकूला की टीम ने 29 सितंबर को खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र के नेतृत्व में पिल्लूखेड़ा के चौधरी मिल्क फूड तथा जय दुर्गा फूड प्रोडेक्ट के यहां दस्तक दी थी। टीम ने चौधरी मिल्क फूड प्रोडेक्ट से प्रशांत ब्रांड का गाय का घी, डेयरी टच देशी घी, अनमोल सागर देशी घी के सैंपल भरे थे। जबकि जय दुर्गा फूड प्रोडेक्ट से दिशा वनस्पति, हरी जी वनस्पति, कूकिंग मीडियम मदर लाइट, मोती रत्न वनस्पति, मधु श्याम वनस्पति, डिप प्रीमियम वेजीटेबल ऑयल, मधु सेफ कुकिंग मीडियम के सैंपल भरे थे। जिन्हें जांच के लिए लैबोरेटरी भेजा गया था। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग को मिली रिपोर्ट में प्रशांत गाय घी अनसेफ पाया गया है। जबकि अन्य नौ सैंपल सब स्टेंडड व मिस ब्रांडेड पाए गए हैं। गाय के घी के नाम से बेचा जा रहा घी सेहत के लिए हानिकारक पाया गया है। नौ अन्य ब्रांड भी मापदंडों पर खरे नहीं पाए गए हैं। जिनके खिलाफ विभाग ने कार्रवाई की सिफारिश की है।

जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी डा. राजीव ने बताया कि पिल्लूखेड़ा की दो फर्मो से दस सैंपल लिए गए थे। जिसमें एक सैंपल अनसेफ, जबकि नौ सैंपल सब स्टेंडड तथा मिस ब्रांडेड पाए गए हैं। दोनों फर्मो के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।


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