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करनाल के 50 प्री-प्राइमरी स्कूलों में प्ले स्कूल खोलने की तैयारी, सुविधाएं भी बढ़ेंगी

हरियाणा सरकार ने प्री-प्राइमरी स्‍कूलों में प्‍ले स्‍कूल खोलने की तैयारी में है। करनाल में 50 प्री प्राइमरी स्‍कूलों को प्‍ले स्‍कूल बनाया जा रहा है। इसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी गई है। नए सत्र प्‍ले स्‍कूलों की शुरुआत भी हो जाएगी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 11:44 AM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 11:44 AM (IST)
करनाल के 50 प्री-प्राइमरी स्कूलों में प्ले स्कूल खोलने की तैयारी, सुविधाएं भी बढ़ेंगी
प्री प्राइमरी स्‍कूलों को प्‍ले स्‍कूल बनाने की तैयारी।

करनाल, जागरण संवाददाता। भाजपा सरकार की ओर से प्रदेश में बच्चों की शिक्षा को सरल करने के लिए जहां माडल संस्कृत स्कूल स्थापित किए गए हैं वहीं, अब प्ले-वे स्कूल की सौगात मिलने जा रही है। जिले के 50 सरकारी स्कूलों में बनाए गए प्री-प्राइमरी यानि प्ले स्कूल की दीवारों को सुंदर और ज्ञानवर्धक तरीके से वाल पेटिंग कर सजाया जा रहा है। प्री-प्राइमरी स्कूलों को नए सत्र में प्ले स्कूलों में तबदील किया जा रहा है और कोरोना के कारण बंद स्कूलों का नजारा बदला जा रहा है। परियोजना के तहत बच्चों को आकर्षित करने के लिए दीवारों को रंगीन कर ज्ञानवर्धक पेंटिंग की जा रही है। समग्र शिक्षा विभाग की ओर से 15 लाख रुपये का बजट जारी किया गया है और प्रति स्कूल 30 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। इन प्ले स्कूलों को आंगनबाड़ी के माध्यम से चलाया जाना है।

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एक वर्ष से दी जा रही आंगनबाड़ी वर्करों को ट्रेनिंग

महिला एवं बाल विकास की जिला कार्यक्रम अधिकारी राजबाला ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से छोटे बच्चों के लिए प्ले स्कूल खोलने की योजना है। इसके लिए पिछले एक वर्ष से आंगनबाड़ी वर्करों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रेनिंग के लिए चयनित कर्मचारी को बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई के गुर सिखाए जाएंगे। छोटे बच्चों की संभाल के लिए अधिक ध्यान देने की जरूरत होती है जिसके लिए करीब 90 आंगनवाड़ी वर्करों को चयनित कर ट्रेनिंग दी गई है।

छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए रंगीन दीवारें

समग्र शिक्षा विभाग से डीपीसी विद्युतमा ने बताया कि सरकारी स्कूलों में तैयार होने वाले प्ले स्कूल में इंडोर और आउटडोर खेल भी किए जाएंगे। बच्चों को लुभाने के लिए रंगीन दीवारें, स्वच्छ शौचालय, कक्षा, रसोई घर, खेल उपकरण, खिलौने आदि सुविधाएं दी जाएगी। कक्षा की दीवारों पर हिंदी व अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर, कार्टून, पक्षी, फल, सब्जी आदि के चित्र उकेरे जाएंगे। इससे छोटे बच्चों को पढ़ाने में आसानी होगी।


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