पानीपत नेफ्था क्रैकर में आग के खतरे से निपटने का किया अभ्यास
कोविड-19 महामारी को देखते हुए मॉकड्रिल फेस मास्क एवं फेस शील्ड सैनिटाइजेशन शारीरिक दूरी तथा अन्य दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए किया गया।
संवाद सूत्र, रिफाइनरी : पानीपत नेफ्था क्रैकर संयंत्र में विभिन्न विभागों द्वारा आग के खतरे से निपटने की तैयारियों का सही आकलन करने हेतु वीरवार को ऑनसाइट आपदा ड्रिल का आयोजन किया गया। कोविड-19 महामारी को देखते हुए मॉकड्रिल फेस मास्क एवं फेस शील्ड, सैनिटाइजेशन, शारीरिक दूरी तथा अन्य दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए किया गया।
इस ड्रिल का परि²श्य ''स्विग यूनिट के बुटेन-1 में सर्ज टैंक 415 की आउटलेट लाइन अपस्ट्रीम फ्लैज से हाइड्रोकार्बन गैस का रिसाव तथा आग को दर्शाया गया। वीरवार सुबह 10:32 बजे पर बुटेन-1 के सर्ज टैंक में आउटलेट लाइन अपस्ट्रीम फ्लैज से हाइड्रोकार्बन गैस के रीसाव की सूचना मिली। तत्पश्चात 10:35 बजे पर हाइड्रोजेटिग मशीन से चिगारी के कारण हाइड्रोकार्बन वाष्प में अचानक विस्फोट हुआ। इसके परिणामस्वरूप अनियंत्रित वाष्प विस्फोट और जेट फायर हो गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए 10:45 बजे आपदा घोषित की गई। उसके बाद पानीपत नेफ्था क्रैकर एवं रिफाइनरी के संबंधित कर्मचारी आग की रोकथाम में लग गए।
आपातकालीन सायरन बजते ही फायर स्टेशन से दमकल की गाड़ियां साइट पर पहुंची और ज्वलनशील पदार्थ के रिसाव पर काबू करने के लिए वाटर कर्टन के माध्यम से आपातकाल नियंत्रण कार्य प्रारंभ किया। कार्यकारी निदेशक गोपाल चंद्र सिकदर को इस बारे में तुरंत सूचना दी गई। वह मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का आकलन किया। लगभग एक घंटे के सफल प्रयास के बाद 11 बजकर 35 मिनट पर आग पर नियंत्रण कर स्थिति सामान्य होने की घोषणा की गई।
ड्रिल के बाद समीक्षा बैठक की गई। आपातकालीन तैयारी में और सुधार के लिए आपातकालीन समन्वयकों द्वारा दी गई रिपोर्ट की समीक्षा सिकदर तथा संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में की गई।