आंधी और बारिश से बिजली ठप, पानीपत के कई क्षेत्रों में 36 घंटे से आपूर्ति ठप
आंधी और बारिश की वजह से पानीपत के कई क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। शहर के कई क्षेत्रों में 24 घंटे बाद बिजली आपूर्ति सुचारू हुई जबकि देहात में 36 घंटे बाद भी नहीं चालू हुई
पानीपत, जेएनएन। आंधी-बारिश के 36 घंटे बाद भी पूरे जिले की बिजली आपूर्ति पूर्ण रूप से सुचारू नहीं हो सकी है। देहात क्षेत्र से जुड़ी 33केवी की चार लाइनें देर रात तक चालू नहीं हो पाई हैं। बिजली निगम ने जिलेभर में 250 से अधिक बिजली खंभे गिरने और दो दर्जन से अधिक ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने की आशंका जताई है। हालांकि अभी तक बिजली निगम नुकसान का सटीक आंकलन नहीं कर पाया है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि बिजली आपूर्ति सुचारू प्राथमिकता है।
काफी इंतजार के बाद बीते शनिवार रात हुई बारिश ने तो उमस भरी गर्मी से राहत दी लेकिन बारिश के साथ 100 से अधिक किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली आंधी ने बिजली व्यवस्था को ठप कर दिया। शनिवार रात दो बजे से रविवार दोपहर 12 बजे तक जिलेभर की बत्ती गुल रही। रविवार 12 बजे शहर के कुछ क्षेत्रों की बिजली आपूर्ति सुचारू हुई। सब अर्बन, मॉडल टाउन और सिटी डिविजन के कुछ क्षेत्रों में आंधी-बारिश के 24 घंटे बाद बिजली आपूर्ति शुरू हो पाई। असंध रोड स्थित ज्योति कॉलोनी, सौंदापुर गांव और दत्ता कॉलोनी में सोमवार रात आठ बजे तक बिजली चालू नहीं हो पाई।
33केवी जलालपुर, धर्मगढ़, नारा और बाबरपुर लाइन नहीं हुई चालू
एसई जेएस नारा ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान 33केवी लाइन में हुआ है। शहर में 33केवी कुटानी रोड लाइन और आरके फीडर क्षतिग्रस्त हुए थे। पूरी ताकत झौंकने के बाद रविवार को शहर की लाइन तो ठीक कर ली गई, लेकिन देहात सप्लाई की लाइन ठीक नहीं हो सकी। 33केवी जलालपुर, 33केवी धर्मगढ़, 33केवी नारा और 33केवी बाबरपुर लाइन से देहात क्षेत्र की सप्लाई जुड़ी हैं। इन चारों लाइनों को ठीक करने में समय लग रहा है। सोमवार रात तक लाइनें ठीक होने की उम्मीद है। अभी निगम की प्राथमिकता जिले की बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बहाल करना है। नुकसान का आंकलन बाद में किया जाएगा।
खेत में पानी, गिरे खंभे उठाने मुश्किल
आंधी तूफान में मतलौडा क्षेत्र में दर्जनों खंभे टूटे हैं। निगम के स्टोर में खंभे नहीं हैं। जब तक खंभे नहीं आएंगे बिजली आपूर्ति सुचारू होना मुश्किल हैं। बिजली कर्मचारी यूनियन के यूनिट प्रधान तेजबीर कालिया ने बताया कि मतलौडा ब्लॉक के 36 गांव में कई खंभे टूटे पड़े हैं। धान रोपाई होने के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है। खंभे लगाना भी मुश्किल है। बिजली आपूर्ति सुचारू होने में अभी और अधिक समय लगेगा।