चार्ज वापस करते ही सरपंचों की छिन जाएगी पॉवर, बीडीपीओ के जिम्मे होगी विकास की बागडोर
23 फरवरी से पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। अंबाला में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होते ही सरपंचों से उनकी पॉवर भी छिन जाएगी। अब किसी भी विकास कार्य या पंचायत से संबंधित दस्तावेजों में साइन नहीं कर सकेंगे।
अंबाला, जेएनएन। पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है। लेकिन उनके चार्ज 16 फरवरी से लेने शुरू कर दिए गए हैं। ऐसे में अब सरपंच पंचायत संबधित किसी भी दस्तावेज पर अपने साइन नहीं कर सकेंगे। क्योंकि चार्ज वापस लौटाए जाने की स्थिति में उनके पास साइन करने की शक्ति नहीं रहेगी। हालांकि जब तक बीडीपीओ की सरपंच पर मेहरबानी रहेगी यानि जब तक चार्ज नहीं लिए जाते तब तक उन्हें साइन करने का अधिकार रहेगा।
बता दें कि प्रदेश सरकार की ओर से बीडीपीओ के पास पत्र आ गया था, जिसमें सरपंचों के पास से चार्ज लिए जाने के निर्देश दिए गए थे। इसी को लेकर बीडीपीओ की ओर से सरपंचों को चार्ज वापस करने के लिए सूचित कर दिया गया था। जिसमें सरपंचाें को पंचायतों की पूरी कार्रवाई के रजिस्टर, फंड होने व खर्च का पूरा ब्यौरा समेत वापस करने हैं। इसके लिए 16 फरवरी से वापस किया जाना था। लेकिन मंगलवार को बसंत पंचमी की सरकारी छुट्टी रही। ऐसे में किसी पंचायत को चार्ज वापस नहीं हो सका। अब यह प्रकिया बुधवार से शुरू होगी। चार्ज वापस करने पर सरपंच गांव के विकास कार्य को लेकर किसी भी चेक पर साइन नहीं कर सकेगा। गांव में विकास कार्य बीडीपीओ देखेंगे। सरपंच को चार्ज लौटाए जाने पर बीडीपीओ बतौर एडमिनिस्ट्रेटर पंचायतों का कामकाज देखेंगे।
2016 में सात माह तक बीडीपीओ के पास रहा था चार्ज
2016 की बात करे तो उस दौरान भी पंचायतों के चुनाव करीबन सात से आठ माह देरी से हुए थे। इसके चलते उस दौरान भी पंचायतों का चार्ज बीडीपीओ के पास आ गया था। उस अवधि में बतौर एडमिनिस्ट्रेटर कमान संभाली थी।