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और ज्‍यादा सताएगी गर्मी, बिजली उत्‍पादन पर संकट, थर्मल पॉवर प्‍लांट की एक यूनिट ठप

बॉयलर की ट्यूब में पंक्‍चर होने से पानीपत पॉवर प्‍लांट की एक यूनिट से बिजली उत्‍पादन ठप हो गया। इससे प्‍लांट को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 11:37 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 11:37 AM (IST)
और ज्‍यादा सताएगी गर्मी, बिजली उत्‍पादन पर संकट, थर्मल पॉवर प्‍लांट की एक यूनिट ठप
और ज्‍यादा सताएगी गर्मी, बिजली उत्‍पादन पर संकट, थर्मल पॉवर प्‍लांट की एक यूनिट ठप

पानीपत, जेएनएन। पानीपत थर्मल पावर स्टेशन की 250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर सात के बॉयलर की ट्यूब पंक्चर होने से इस यूनिट से बिजली का उत्पादन बंद हो गया। मरम्मत के लिए 48 घंटे का परमिट लिया गया है। 

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गर्मी में बिजली की बढ़ी मांग को देखते हुए 21 मई को थर्मल पावर स्टेशन की 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर सात व आठ को चलाया गया था। 250 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता की यूनिट नंबर सात को 21 मई को सुबह 10:18 बजे लाइटअप किया गया था। उसी दिन रात 8:26 बजे इस यूनिट से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया था। पांच दिन चलने के बाद बुधवार सुबह 8:10 बजे थर्मल की इस यूनिट के बॉयलर में ट्यूबपंक्चर हो गई। 

ओवरहॉलिंग के बाद पहली बार चलाई गई यूनिट

बीते मार्च महीने में 1-15 तक थर्मल की यूनिट नंबर सात की ओवरहॉलिंग (मरम्मत) का कार्य चला था। जिस पर एचपीजीसीएल का लाखों रुपये का खर्च हुआ। ओवरहॉलिंग होने के बाद इस यूनिट को 21 मई को ही चलाया गया था। मात्र 5 दिन चलते ही इस यूनिट में फिर से दिक्कत आ गई।

विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान  

विशेषज्ञों की मानें तो थर्मल की एक यूनिट को चलाने में लगभग 50 लाख रुपये का खर्च आता है। पांच दिन पहले चली यूनिट अचानक बॉयलर में आई दिक्कत के कारण बंद हो गई। जिसे दोबारा चलाने में फिर से खर्च होगा। वहीं अब इस यूनिट को दोबारा से चलाने में लगभग 2 से 3 दिन का समय लगेगा। लगातार चलाए जाने पर थर्मल की इस यूनिट से प्रतिदिन लगभग 50 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। 

 

यूनिट नंबर सात के एसई का तबादला   

यूनिट नंबर सात सुबह ही ट्रिप हो गई थी। दिन में यूनिट नंबर सात के एसई ओएंड एम सुरेंद्र मित्तल का तबादला यूनिट नंबर छह में कर दिया गया है। उनकी जगह एसई एससी शर्मा को लगाया गया है। पीटीपीएस की यूनिट नं 7 के एसई (ओएंडएम) सुरेंद्र मित्तल ने बताया कि ट्यूब पंक्चर होने की वजह से थर्मल की यूनिट नंबर सात अचानक ट्रिप हुई है। उनका तबादला यूनिट नंबर छह में कर दिया गया है। सब रूटीन की कार्रवाई में हुआ है। इस संबंध में थर्मल के चीफ इंजीनियर एसएल सचदेवा से बार-बार फोन करने के बाद भी बात नहीं हुई। उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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