Panipat Haridwar Road: पानीपत के लोगों का दर्द-ए-हाल, जिंदगी से हर कदम जंग, तस्वीरों में देखिए हरिद्वार रोड के हालात
पानीपत हरिद्वार रोड के हालात खराब हैं। भारी वाहनों की वजह से सनौली रोड पूरी तरह से बदहाल हो गया है। जगह-जगह जलजमाव और गड्ढे हो गए हैं। यहां से निकलने वाले हर कदम जिंदगी से जंग लड़ते देखे जा सकते हैं।
पानीपत, [राजेंद्र फोर]। पानीपत सनौली रोड। तीन राज्यों हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को जोड़ने वाला मार्ग बदहाल हो गया है। पानीपत हरिद्वार रोड पर अब लोग जाने से भी कतरा रहे हैं। बड़े-बड़े गड्ढे और जलजमाव की वजह से हालात खराब। इसके विरोध में उग्राखेड़ी गांव के लोगों ने तो लिंक मार्ग तक बंद दिया है। बदहाल रोड से निकलने पर हर पल लोगों की जान पर बनी रहती है।
मंगलवार दिन में सड़क पर जाम लगा रहा। जल भराव और गड्ढे की वजह से वाहन फंसे और धीरे-धीरे निकले। वहीं दोपहिया वाहन गड्ढे की वजह से गिरे। पैदल चलने वाले लोगों को भी जलभराव से होकर गुजरना पड़ा।
जरा संभल कर चलें ये राहें बड़ी ही कठिन हैं। ये है पानीपत सनौली रोड। पत्थर मार्केट के पास भरे पानी से गुजरते बच्चे और बाइक सवार।
विद्यानंद कॉलोनी से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल उग्राखेड़ी तक लगभग 2 किलोमीटर सड़क टूटी हुई व गन्दा पानी भरा हुआ है। यहां एक जगह 15 मिनट में 5 बाइक सवार नाले में फिसलकर गिरे। जिनमें किसी को चोट लगी तो किसी की बाइक में नुकसान हुआ।
गड्ढे में फंसी पिकअप को ट्रैक्टर से सहारा लगा निकालते।
नाले में गिरी बाइक को निकालता दोपहिया वाहन चालक।
नाले में गिरा बाइक सवार।
पानीपत से हरिद्वार रोड पर दूर तक भरा गंदा पानी व लगी वाहनों की कतार।
सड़क टूटने से बने गड्ढे के कारण सनौली रोड पर लगा जाम।
सनौली रोड पर पत्थर मार्केट के पास सड़क में बने गहरे गड्ढों में भरे गंदे पानी से गुजरते वाहन।
नाले की दीवार ऊपर से गुजरती छात्राएं व महिलाएं।
सुपर सकर मशीन खराब होने से सेक्टर 12 सहित कई इलाकों के सीवर जाम
40 वर्ष पुरानी सीवर लाइन आखिर कब तक बोझ सहेगी। आबादी दो गुना से ज्यादा हो चुकी है। यह हालत शहर के सबसे वीआइपी सेक्टर 11-12 के बने हुए हैं। लाखों रुपये गज इस सेक्टर में जमीन का भाव है। शहर के वीआइपी, उद्योगपतियों के आवास यहां बने हुए हैं। सेक्टर में डीएवी स्कूल के सामने दयानंद पार्क में दूषित पानी के जमा होने से पौधे सूख चुके हैं। डीएवी स्कूल के मुख्य गेट के बाहर पानी भरा रहता है। राधा कृष्ण पार्क के पास भी पानी भरा रहता है। सुपर सकर मशीन खराब होने के कारण सीवर नहीं खोले जा रहे।
बारिश में बेहाल स्थिति : राजस्थान मित्र मंडल के ओमप्रकाश गोयनका ने बताया कि सेक्टर में बिना बारिश के ही सड़कों पर गंदा पानी जमा रहता है। बारिश में तो यहां आन जाना भी मुश्किल हो जाता है। इस सेक्टर में सड़के बनाने के लिए तीन साल पहले 12 करोड़ रुपये रुपये स्वीकृत हुए थे। पार्कों का नवीनीकरण हुआ। सड़कें बनाई भी गई। सीवर की निकासी न होने के कारण हालत फिर से बदतर हो गए।
पार्को में सूख गए पौधे
समाज सेवी महेंद्र नाथ भुटानी का कहना है कि गंदा पानी भरा होने के कारण पार्कों के पौधे सूखते जा रहे हैं। सेक्टर में आबादी दो गुना से अधिक हो चुकी है। चालीस वर्ष पुराना सीवर कब तक इतनी आबादी का बोझ सहन कर सकता है। अधिकारियों को बार-बार शिकायत करने पर सुनवाई नहीं की जा रही।
ओवरफ्लो हुए पानी की करवाई निकासी
हशविप्रा के एक्सईएन जगमाल का कहना है कि सेक्टर 11-12 में सीवर बरसात के पानी के कारण ओवरफ्लो हुआ था। अब पानी की निकासी हो गई है। नगर निगम बरसाती पानी की निकासी के लिए व्यवस्था करेगा। साथ ही सेक्टर 11 में टूटी सड़कों का एस्टीमेट भी तैयार हो चुका है।
अफसरों को वीडियो भेज चुकी हूं। जहां काम करना होता है, वहां सफाई नहीं करते। सीवर की सफाई अच्छे से नहीं कर पाते। ठेकेदारों से काम क्यों नहीं कराते। सीवर लाइन 40 साल पुरानी हो चुकी है। नई लाइन बिछाई जानी चाहिए।
- शकुंतला गर्ग, पार्षद