सब्जियों के राजा के तेवर हुए ढीले, आलू के भाव में आई गिरावट
सब्जियों के दामों में लगातार गिरावट आ रही है। अब तो आलू के दाम भी काफी गिर गए। अब आलू की कीमत नौ रुपये तक पहुंच गई है। पिछले दिनों आलू की कीमत 45 तक पहुंच गई थी। इसके बाद गिरावट शुरू हुई।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। आलू की आवक बढ़ने के साथ ही इस साल आलू के भाव में गिरावट आई है। जो आलू पिछले साल इन दिनों 18 रुपये किलो बिक रहा था वह आलू इस बार नौ रुपये किलो बिक रहा है। यानि की पिछले साल 1800 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाला आलू इस बार 900 रुपये प्रति क्विंटल आ गया है। इससे किसान मायूस हो गए है। बता दे कि इस समय खेतों में आलू की फसल तैयार है। ऐसे में किसान ने आलू खोदने का काम शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि महंगा भाव के इस साल बीज बोया है, लेकिन आलू सस्ता बिक रहा है। किसानों को बचत नहीं हो रही है। किसानों का कहना है कि इस बार आलू में लागत निकलना भी मुश्किल भरा हो रहा है। ज्यादा समय आलू को खेत में रोका भी नहीं जा सकता है, इसका खराब होने का खतरा रहता है। इससे मंडी में औने- पौने दामों पर बेचना को मजबूर होना पड़ रहा है।
किसान अशोक ने बताया कि पिछले साल आलू के अच्छे दाम मिल रहे थे, इस साल आलू के कम दाम मिल रहे है। नौ रुपये किलो आलू को बेचा जा रहा है। पहले साल 17 रुपये किलो आलू बेचा था। इसमें तो लागत भी नहीं निकल रही है।
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किसान संदीप ने बताया कि अब तक 25 पैकेट आलू बेच चुका हूं। कोई आमदनी नहीं हो रही है। एक बीघा आलू की फसल में करीब 13 हजार रुपये से अधिक की लागत आई। एक एकड़ में आलू 50 हजार रुपये का निकल रहा है। खुद की मेहनत और भाड़ा घाटे में गया है।
कृषि उपनिदेशक कर्मचंद ने बताया कि आलू बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पर रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। उसके बाद उसे सरकारी रेट पर खरीदा जा रहा है।