Post covid patient रहें सावधान, ये लक्षण दिखने पर डाक्टर से लें सलाह
यमुनानगर जिले में 24 हजार 681 मरीज कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। 24 हजार 260 मरीज ठीक हो चुके हैं। ठीक होने वाले मरीज अन्य बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। काफी मरीज कोरोना से ठीक होने के बाद भी पूरी तरह से रिकवर नहीं कर पाए हैं।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। हरियाणा में कोरोना महामारी को हरा चुके लोग अब पोस्ट कोविड बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों से लेकर बड़े तक चपेट में आ रहे हैं। पोस्ट कोविड के लक्षणों में सिर में दर्द रहना, मानसिक तनाव, शरीर में कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण मिल रहे हैं। बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री सिंड्रोम (एमआइएस-सी) की बीमारी सामने आ रही है। जिले में दो बच्चे ऐसे मिले थे। हालांकि समय रहते इन बच्चों का इलाज करा दिया गया था। पोस्ट कोविड बीमारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने उमंग ओपीडी शुरू की, लेकिन इसमें भी मरीज नहीं पहुंच रहे हैं। अभी तक मात्र 20 मरीज ही ओपीडी में पहुंचे हैं।
जिले में इतने मरीज हुए संक्रमित
जिले में 24 हजार 681 मरीज कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 24 हजार 260 मरीज ठीक हो चुके हैं। ठीक होने वाले मरीज अन्य बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, काफी मरीज कोरोना से ठीक होने के बाद भी पूरी तरह से रिकवर नहीं कर पाए हैं। ऐसे मरीज कई तरह की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। यदि समय पर चिकित्सक के पास इलाज कराया जाए। तो इससे ठीक हो सकते हैं। इनमें सबसे अधिक मानसिक तनाव रहने का खतरा रहता है। मरीज को हर समय घबराहट रहती है। वह बार-बार हाथ धोता रहता है। इस तरह की दिक्कत आ रही है। इसके लिए जरूरी है कि वह उमंग ओपीडी में आए।
ब्लैक फंगस भी पोस्ट कोविड बीमारी
ब्लैक फंगस भी पोस्ट कोविड बीमारी है। जिले में 15 केस ब्लैक फंगस के मिले थे। दो की मौत भी हुई। इसी तरह से एमआइएस-सी बच्चों में आने वाली बीमारी है। इसमें बुखार रहने लगता है। शरीर पर दाने आना, पेट दर्द, उल्टी, हाथ पैर में सूजन और डायरिया इस बीमारी के मुख्य लक्षण हैं।
सही जानकारी नहीं दे रहे मरीज
मरीज भी अब कोरोना के बारे में जानकारी नहीं दे रहे हैं। ओपीडी की पर्ची कटवाने के लिए आने वाले मरीजों को भी कर्मचारी कोरोना होने के बारे में पूछ रहे हैं, तो वह भड़क जाते हैं। कई मरीज ऐसे भी आए। जब उनसे पूछा कि पहले कोरोना हुआ था, तो वह पर्ची कटवाए बिना ही लौट गए। सिविल सर्जन डा. विजय दहिया का कहना है कि उमंग सेंटर इसलिए ही शुरू किया गया है। जिससे मरीजों की जांच की जा सके। इसलिए पोस्ट कोविड मरीजों को भी इस बारे में बताना चाहिए। इसमें लापरवाही गंभीर साबित हो सकती है। उमंग सेंटर की टीम फोन के माध्यम से भी कोरोना की चपेट में आकर ठीक हो चुके लोगों से बात कर रही है।