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हरियाणा के इन भूप्‍पी का अलग ही अंदाज है, दुष्‍यंत के साथ इनकी फूलड्राइव के शहर में किस्‍से

एक हैं पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड़डा यानी भूप्‍पी। एक हैं पानीपत के भूप्‍पी। पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह। पहले इनेलो में हुआ करते थे। इस बार स्‍ट्रेट ड्राइव कालम में विज की बर्थडे विश और जजपा की चाबी के बारे में भी पढ़िए।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 11:57 AM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 11:57 AM (IST)
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को फूल देते पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह।

पानीपत, [रवि धवन]। पानीपत नगर निगम के पहले मेयर बने। पहले इंडियन नेशनल लोकदल में हुआ करते थे। टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ आजाद लड़कर पार्षद बन गए। पहले पार्षद ही मिलकर मेयर का चुनाव करते थे। सियासी मैदान में देखा कि कांग्रेसी मजबूत हैं, सो बलबीरपाल शाह के पाले में पहुंच गए। कांग्रेस में शामिल हो गए। हालात बदले तो आइपीएल की तरह टीम कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का फूल थाम लिया। कुर्सी नहीं बचा सके। अगले प्रत्यक्ष चुनाव में बेटी अवनीत को टिकट दिलाकर मेयर पद की घर वापसी करा दी। सांसद और विधायक से पटरी नहीं बैठी तो कुछ महीनों से खामोश हो गए। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पानीपत में सुरेश मित्तल के घर आए तो उन्हें फूल देते दिखाई दिए। इनेलो मायका है। सुरेश मित्तल सियासी गुरु। शहर के सियासी कमेंट्रेटर अब सरदारजी के फूलड्राइव के आनंद ले रहे हैं। जाने क्या होने वाला है।

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विज की बर्थडे विश पालिसी याद कर रही जनता

पानीपत शहर से भाजपा के विधायक प्रमोद विज से उनके कुछ समर्थक मुंह फुलाए हुए हैं। दरअसल, विज ने बर्थडे विश पालिसी वापस ले ली है। या यूं कहें कि अब फेसबुक पर अपने समर्थकों को जन्मदिवस की शुभकामनाएं नहीं दे रहे। उन्हें इंटरनेट मीडिया पर मिठाई नहीं खिला रहे। अपने ही जन्मदिन पर खुद मिठाई का डिब्बा लेकर भी विज कार्यालय में पहुंचता है, उनको भी बधाई नहीं मिल रही। इन समर्थकों का दुखड़ा ये है कि पहले तो हजारों लोगों को बधाई देते थे। हमारा नंबर आया तो बैकफुट पर क्यों चले गए। बधाई के चौके-छक्कों को वे चीयर्स करते थे। अपने दोस्तों को स्क्रीन शाट दिखाते रहते। दरअसल, सियासी आलोचकों ने विज से कहा कि बधाइयां कुछ ज्यादा ही दी जा रही हैं। इसके साथ ही, बधाई संदेश टाइप करने वाले प्राण रत्नाकर भी कार्यालय छोड़ गए हैं। विज को ये बल्लेबाजी बीच में ही छोड़नी पड़ी।

यूनिवर्सिटी की आस, 11 लाख का इंतजार

इंद्रभान लैय्या (आइबीएल) एजुकेशन सोसाइटी। पाकिस्तान के लैय्या से आए लोगों ने यहां शिक्षण संस्थानों की नींव रखी। इसी संस्था के आइबी कालेज से संजय भाटिया ने पढ़ाई की। कांग्रेस के पूर्व विधायक बलबीरपाल शाह ने भी यहीं से बीएससी की। हाल ही में संस्था के स्थापना दिवस पर सांसद संजय भाटिया को भी आमंत्रित किया गया। मंच पर बातों ही बातों में आइबी संस्था की यूनिवर्सिटी होने की भी चर्चा छिड़ गई। इससे पहले कि कोई अपनी तरफ से कुछ बोलता, संजय ने ही कह दिया, मुझे याद है। पिछले साल 11 लाख देने की घोषणा की थी। अब तक वो नहीं मिले हैं। सांसद निधि से जल्द ही ग्रांट मिल जाएगी। इतने में पीछे से किसी ने कहा, अगर ग्रांट की राशि ही इतनी देर से पहुंचती रहेगी तो यूनिवर्सिटी बनाने का सपना तो मिशन मंगल हो जाएगा। देखते हैं, ये मिशन मंगल कब तक पूरा होता है।

चाबी जजपा के पास है

दस सीटें जीतकर जननायक जनता पार्टी (जजपा) हरियाणा में सत्ता की भागीदार हो गई। दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व में टीम जजपा के कार्यकर्ता फार्म में हैं। सरकारी दफ्तरों में जजपा नेताओं-समर्थकों के वाजिब काम रोकने की कोई अफसर सोचता नहीं। भाजपाई भी इस बात को समझते हैं। तभी सांसद संजय भाटिया के खास समर्थक पंकज शर्मा ने हाईवे पर जाम के मसले को कष्ट निवारण समिति के माध्यम से दुष्यंत चौटाला के सामने रख दिया। डिप्टी सीएम ने एक महीने में रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, दुष्यंत चौटाला अपने समर्थकों के लिए स्टैंड लेते हैं। वकीलों के मामले में ऐसा देखा जा चुका है। जजपा के ही ग्रामीण से नेता देवेंद्र कादियान चुनाव हारकर भी विधायक की ही तरह रोजाना जनता दरबार लगाते हैं। किसी का काम फंसता है तो लोग कहते हैं, बिट्टू के पास जाओ। काम हो जाएगा। हर ताले की चाबी (जजपा का चुनाव चिह्न) है उनके पास।


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