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किसानों के गढ़ रादौर पर पुलिस का कड़ा पहरा, दिल्‍ली जाने वाले सीमाओं पर भी बढ़ाई सख्‍ती

दिल्ली में किसानों के कूच को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ा पहरा लगा दिया है। मंगलवार की देर शाम एसपी कमलदीप गोयल ने भी सभी थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर निर्देश दिए गए थे कि वह अपने-अपने क्षेत्र में गश्त करें और हर गतिविधि पर नजर रखें।

By Pankaj KumarEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 11:31 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 11:31 AM (IST)
किसानों के गढ़ रादौर पर पुलिस का कड़ा पहरा, दिल्‍ली जाने वाले सीमाओं पर भी बढ़ाई सख्‍ती
दिल्‍ली जाने से रोकने के लिए पुलिस ने लगाए नाके

यमुनानगर, जेएनएन : कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में जुटने जा रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने पूरा जोर लगा दिया है। रात भर किसान नेताओं के घरों पर दबिश दी गई। किसान नेताओं के गांवों में रात भर पुलिस की गश्त होती रही। सबसे अधिक रादौर क्षेत्र पर पुलिस का जोर है, क्योंकि यहां पर भाकियू मान गुट व चढूनी गुट का गढ़ है। हालांकि भाकियू मान गुट के जिला प्रधान सुभाष गुर्जर को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। जबकि चढूनी गुट के नेता पुलिस के हाथ नहीं लगे।

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दिल्‍ली में किसानों के कूच को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने कड़ा पहरा लगा दिया है। खुफिया विभाग भी अलर्ट है। किसानों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। मंगलवार की देर शाम एसपी कमलदीप गोयल ने भी सभी थाना प्रभारियों के साथ बैठक कर दिल्ली कूच को रोकने की रणनीति बनाई थी। जिसमें सभी थानों के प्रभारियों को कड़े निर्देश दिए गए थे कि वह अपने-अपने क्षेत्र में गश्त करें और हर गतिविधि पर नजर रखें।

इन जगहों पर लगाए जाएंगे नाके

पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, गुमथला राव, ठसका, खुर्दबन, सांगीपुर, सढूरा, बापा, खेड़की ब्राहमणाण, घिलौर, झींवरेडी, उन्हेडी, फतेहपुर, कलावड़, लवाना, लबानी, रामगढ़, जागधौली, आमवाला, टी प्वाइंट सरावां, अराईयावाला, घेसपुर गांव से निकलने वाले मार्गों पर नाके लगा दिए हैं। इन गांवों में भाकियू का अधिक असर है। ऐसे में यहां से अधिक किसानों के दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। इसलिए ही पुलिस की नजर इन गांवों पर अधिक है। एसपी कमलदीप गोयल ने बताया कि पुलिस टीमों ने नाके लगा रखे हैं। किसान आंदोलन से जुड़ी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। किसी को भी कानून नहीं तोड़ने दिया जाएगा।

किसानों को रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ा पहरा

बहादुरगढ़ : तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों के 26 नवंबर के दिल्ली कूच को लेकर बहादुरगढ़ में दिल्ली सीमा पर कड़ा पहरा है। चारों तरफ नाकाबंदी कर दी गई है। एक दिन पहले चार किसान नेताओं की गिरफ्तारी के बाद बाकी नेता भूमिगत हैं। बहादुरगढ़ में अस्थायी जेल भी चिन्हित की गई है। दिल्ली पुलिस द्वारा बहादुरगढ़ और इसके आसपास में किसानों की तैयारी की पल-पल की अपडेट ली जा रही है। अधिकतर किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली घेराव आंदोलन में शामिल होने की घोषणा कर रखी है।

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी दो दिन पहले बहादुरगढ़ के गांव छारा का दौरा कर चुके हैं। किसानों ने बहादुरगढ़ के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करने से पहले रोहतक के सांपला में स्थित छोटूराम स्मारक संग्रहालय पर ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ एकत्रित होने का फैसला कर रखा है। आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के प्रदेश सचिव जयकरण मांडौठी के अलावा तीन अन्य किसान नेता जेल भेजे जा चुके हैं। संगठन से जुड़े नेताओं का कहना है कि इस आंदोलन के दौरान तीन कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को रद करने के अलावा सभी कृषि उत्पादों की समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने की मांग जोरदार ढंग से उठेगी। इस दिल्ली कूच के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ किसान दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।

दूसरे जिलों के किसानों को जिले में न घुसने देने पर जोर

बहाुदरगढ़ में पुलिस ने दूसरे जिले के किसानों को न घुसने देने की तैयारी कर रखी है। सभी प्रमुख मार्गों पर नाकाबंदी की गई है। सभी नाकों पर तैयारियों का जायजा लेने के लिए एडीजीपी संदीप खिरवार भी पहुंचेंगे।


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