हरियाणा में नकली तारकोल का कारोबार, फैक्ट्री पकड़ी, पानीपत रिफाइनरी में लगा रहे थे सेंध
करनाल में नकली तारकोल फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। फैक्ट्री चलाने वाले माफिया पानीपत रिफाइनरी में भी सेंध लगा रहे थे। रिफाइनरी के टैंकरों के चालकों से मिलीभगत कर लेते थे। पुलिस ने छापामारी करके मुनीम सहित तीन को पकड़ा।
करनाल, जेएनएन। रिफाइनरी से निकलने वाली तारकोल और तेल की गाडिय़ों से चोरी के खेल का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने बेगमपुर के पास एक फैक्ट्री में छापा मारकर तेल चोरी और मिलावट का गोरखधंधा पकड़ा, जहां मिलावटी तारकोल व तेल बनाया जाता था।
मौके से तेल चोरी में इस्तेमाल होने वाले देसी जुगाड़, केमिकल व तेल से भरे डेढ़ दर्जन ड्रम सहित दो टैंकर बरामद किए गए। ट्रैंकर ड्राइवरों से मिलीभगत कर फैक्ट्री मालिक यह काला कारोबार बीते कई महीनों से चला रहे थे। पुलिस ने मौके पर फैक्टरी के मुनीम सहित तीन लोगों को काबू किया है। इसके साथ ही फैक्ट्री के तीन मालिकों सहित अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
कोहंड-असंध मार्ग पर स्थित श्री जय बजरंग बली ट्रांसपोर्ट कंपनी में नकली तारकोल बनाने की सूचना के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। मूनक पुलिस को शुक्रवार की देर रात सूचना मिली थी, जिसके बाद थाना प्रभारी के नेतृत्व में टीम ने अल सुबह से कुछ पहले फैक्ट्री पर छापेमारी की। इससे फैक्ट्री में काम कर रहे दर्जनभर कारिंदों में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने मौके से तीन कारिंदों को पकड़ लिया, जबकि अन्य फरार हो गए।
पुलिस को फैक्ट्री से तारकोल से भरे दो टैंकर मिले। इसके साथ ही 19 ड्रम और तेल निकालने के दो जुगाड़ भी बरामद किए। इन ड्रमों में केमिकल भरा हुआ था। इसके अलावा करीब आधा दर्जन ड्रम ऐसे भी मिले हैं, जिनसे अल्कोहल जैसी वस्तु की गंध आ रही थी। पुलिस ने फैक्टरी से पकड़े गए टैंकर चालक राजेंद्र व परिचालक अखिलेश वासी सीकाहुला जिला आजमगढ़, उत्तर प्रदेश तथा अंगींस जिला अलीगढ़ उत्तरप्रदेश वासी हेमराज को हिरासत में ले लिया।
हेमराज ने बताया कि वह यहां मुंशी के तौर पर काम कर रहा था। वहीं फैक्ट्री मालिक नवीन उर्फ नरेश कुमार नरवाल वासी नरुखेड़ी, प्रकाश वासी मूनक, गोबिंद सिंह राठी वासी फरीदाबाद सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
कैसे होता है तेल का खेल
बताया जा रहा है कि नकली तारकोल बनाने वाला माफिया रिफाइनरी से आने वाले टैंकरों के चालकों से सांठगांठ कर लेते हैं। रिफाइनरी की इन गाडिय़ों में डीजल, पेट्रोल, तारकोल, अन्य प्रकार के केमिकल भरे होते हैं। रिफाइनरी की गाडिय़ां माफियाओं के ठिकानों पर पहुंचती है और देसी जुगाड़ के जरिये गाडिय़ों से तेल व तारकोल निकालने का काम शुरू किया जाता है। टैंकरों का वजन पूरा करने के लिए अन्य पदार्थो को मिला दिया जाता है। इन माफिया के ठिकाने सड़क किनारे ही बने होते हैं, ताकि किसी तरह की कार्रवाई की स्थिति में जल्दी से गाड़ी को वहां से निकाला जा सके। फैक्ट्रियों में होने तेल के खेल का सबसे बड़ा नुकसान रिफाइनरी उपभोक्ताओं को होता है क्योंकि उन तक मिलावटी सामग्री पहुंचती है।
किया जा रहा था नकली तारकोल बनाने का काम : एसएचओ
मूनक थाना एसएचओ जगदीश पांडे का कहना है कि श्री जय बजरंग बली ट्रांसपोर्ट कंपनी में नकली तारकोल बनाने का काम किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान दो टैंकर, 19 ड्रम व तेल निकालने के दो देसी जुगाड़ मिले हैं। तीन कारिंदों को मौके से काबू किया है, जबकि फैक्ट्री के तीन मालिकों सहित अन्य लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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