सरकार का पुतला दहन को लेकर पुलिस व किसान नेता चढूनी के बीच ठनी, बना रहा तनाव
आढ़तियों व किसानों के पुतला दहन आह्वान पर पुलिस चौकस हो है। किसानों का कहना है कृषि कानून किसान और आढ़ती दोनों के हक में नहीं है। इन कानूनों का सरकार वापस ले। मांगों को लेकर किसान व आढ़ती प्रदर्शन कर रहे हैं
यमुनानगर/अंबाला, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में दशहरे पर सरकार के पुतला दहन को लेकर पुलिस और किसान-आढ़तियों के बीच हरियाणा के कई जिलों में तना तनी बनी रही। अंबाला में तीन जगह तो कैथल, यमुनानगर, हिसार और अन्य जिलों में प्रदर्शन किया गया। अंबाला के लखनौर साहिब में अखिल भारतीय किसान सभा के अध्यक्ष गुरुनाम सिंह चढू़नी के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा और किसानों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया।
वहीं आढ़तियों व किसानों के पुतला दहन आह्वान पर पुलिस चौकस रही। दहशरे के दिन अलसुबह पांच बजे ही आढ़ती एसोसिएशन के जिला प्रधान शिव कुमार संधाला व एक अन्य किसान नेता को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस का प्रयास है कि सरकार का पुतला दहन न हो, लेकिन आढ़ती व किसान पुतला दहन को लेकर जिद पर अड़े रहे। किसानों का कहना है कृषि कानून किसान और आढ़ती दोनों के हक में नहीं है। इन कानूनों का सरकार वापस ले।
टोपरा कलां गांव में इकट्ठे हुए किसान
तीनों कृषि कानूनों के विरोध में भारी संख्या में किसान यमुनानगर के टोपरा गांव में इकट्ठे हुए। यहां जिलाध्यक्ष संजू गूंदयाना के नेतृत्व में किसान सरकार का पुतला दहन करेंगे। जिला प्रधान ने बताया कि दशहरे के अवसर पर कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित अन्य भाजपा नेताओं का पुतला दहन करेंगे। हालांकि किसानों के कार्यक्रम को विफल बनाने के लिए पुलिस ने भरसक प्रयास किया है, लेकिन किसान किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बताया कि कुछ किसानों को पुलिस ने एक रात पहले ही हिरासत में ले लिया था। इसके अलावा कई किसान नेताओं के घर छापेमारी भी की। उनका कहना है कि यह पुलिस की तानाशाही है। किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
गांव में पुलिस तैनात
टोपरा कलां गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। सुबह से ही पुलिस ने गांव में डेरा डाल लिया थ। प्रशासन का प्रयास है कि किसान पुतला दहन न करें। उधर, किसान पीछे हटने के मूढ़ में दिखाई नहीं दे रहे हैं। किसान नेताओं का कहना है कि टोपरा कलां गांव के साथ-साथ किसान अपने-अपने गांव में पुतले दहन कर विरोध करेंगे।