अनहोनी की दुहाई दे पिता बेटी को बनाना चाहता था 'बालिका वधू', ऐसे रुकी शादी
शहर में नाबालिग बेटी को बालिक वधू बनने से बचा लिया गया। 12 साल की मासूम की 31 साल के युवक से शादी कराई जा रही थी। दोनों को कोर्ट में पेश कर लौटा दिया गया।
पानीपत, जेएनएन। एक और मासूम बेटी बालिका वधू बनने से बचा ली गई। 12 साल की मासूम की शादी 31 साल के युवक से करवाई जा रही थी। जब पुलिस ने शादी रोकी तो परिजन गरीबी की दुहाई देने लगे। विस्तृत खबर के लिए पढ़ें दैनिक जागरण की ये रिपोर्ट।
विकास नगर कालोनी निवासी दंपती अपनी 12 साल की बेटी की शादी 31 साल के युवक से कर रहे थे। रोहतक के गांव मोखरा से बरात आ चुकी थी। सूचना पर जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता पुलिस लेकर मौके पर पहुंचीं। उम्र के दस्तावेज नहीं दिखाने पर विवाह रोकने को कहा तो दोनों पक्षों ने हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस लड़की-लड़का और परिजनों को महिला थाना ले गई। एसीजेएम सुमित गर्ग के आदेश पर विवाह रुकवा दिया गया।
दस्तावेज भी दिखाने से किया इन्कार
रजनी गुप्ता ने बताया कि लड़की के पिता कालीचरण के चार बच्चे हैं। वह सबसे बड़ी बेटी की शादी कर रहा था। अमित पुत्र हवा सिंह बरात लेकर पहुंचा हुआ था। पूछताछ में कालीचरण और उसकी पत्नी पुष्पा ने बेटी की उम्र 18 वर्ष बताई, जबकि प्रथम दृष्टया लड़की कम आयु की दिख रही थी। आयु संबंधित दस्तावेज दिखाने को कहा तो इन्कार कर दिया।
सात फेरों से पहले रुकवा दी रस्म
सात फेरों से पहले की रस्मों को रुकवाया तो परिजन हाथ जोड़ते हुए, विवाह को संपन्न होने की गुहार लगाने लगे। दोनों पक्षों को बाल विवाह निषेध अधिनियम की धारा 13 की जानकारी दी गई। दोनों पक्षों को थाने लाकर कोर्ट में याचिका दर्ज की गई। कोर्ट के आदेश पर लड़की, उसके माता-पिता और अमित को कोर्ट में पेश किया गया। कालीचरण बेटी की आयु का कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका तो कोर्ट ने विवाह पर तुरंत रोक लगा दी। केस की सुनवाई 31 जनवरी को होगी।
मजदूरी करते हैं माता-पिता
रजनी गुप्ता ने बताया कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के एटा जिले के गांव बंटूनारा निवासी कालीचरण पत्नी और चार बच्चों के साथ 6-7 साल से पानीपत में रह रहा है। दंपती मजदूरी करता है। बेटी की उम्र के बारे में भी पति-पत्नी अलग-अलग बयान दे रहे थे।