मेहंदी किसी के हाथों की शोलों में ढल गई..
आर्य पीजी कॉलेज में काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, पानीपत : अंकन साहित्य मंच की ओर से रविवार को आर्य पीजी कॉलेज के हॉल में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कवि हरगोविद की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में सावन मास की मस्ती, देशभक्ति की कविताओं, हिदू-मुस्लिम भाईचारा और टूटे दिल के दर्द को बयां करती गजलों पर खूब तालियां बजी।
सिराज पैकर ने सीमाओं पर शहीद जवानों के परिवार के दर्द का जिक्र करते हुए कहा कि मेंहदी किसी के हाथों की शोलों में ढल गई, बेटा किसी गरीब का सरहद पर मर गया। केसर कमल शर्मा ने पौधारोपण का संदेश देते हुए सुनाया कि हम सब मिलकर एक कसम खाएं, एक पेड़ हर घर में उगाएं। उछाले जा रहे हैं रोज पत्थर नाम के मेरे, मैं हैरान हूं कि मुझसे इतनी उल्फत कौन करता है पर खूब तालियां बजीं। निर्मल आजाद बेवफाई, एहसान ने हिदू-मुस्लिम भाईचारा, श्रद्धानंद ने ईश्वर वंदना से जोड़कर रचना सुनाई।
काव्य गोष्ठी में कमलेश कुमार पालीवाल, डॉ. एपी जैन, हिमांशी धीमान, फराज बिजनौरी और सुलेख जैन आदि ने भी अपनी रचनाओं से वाहवाही लूटी।
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