Move to Jagran APP

मेहंदी किसी के हाथों की शोलों में ढल गई..

आर्य पीजी कॉलेज में काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 07:24 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 07:24 AM (IST)
मेहंदी किसी के हाथों की शोलों में ढल गई..
मेहंदी किसी के हाथों की शोलों में ढल गई..

जागरण संवाददाता, पानीपत : अंकन साहित्य मंच की ओर से रविवार को आर्य पीजी कॉलेज के हॉल में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। कवि हरगोविद की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में सावन मास की मस्ती, देशभक्ति की कविताओं, हिदू-मुस्लिम भाईचारा और टूटे दिल के दर्द को बयां करती गजलों पर खूब तालियां बजी।

loksabha election banner

सिराज पैकर ने सीमाओं पर शहीद जवानों के परिवार के दर्द का जिक्र करते हुए कहा कि मेंहदी किसी के हाथों की शोलों में ढल गई, बेटा किसी गरीब का सरहद पर मर गया। केसर कमल शर्मा ने पौधारोपण का संदेश देते हुए सुनाया कि हम सब मिलकर एक कसम खाएं, एक पेड़ हर घर में उगाएं। उछाले जा रहे हैं रोज पत्थर नाम के मेरे, मैं हैरान हूं कि मुझसे इतनी उल्फत कौन करता है पर खूब तालियां बजीं। निर्मल आजाद बेवफाई, एहसान ने हिदू-मुस्लिम भाईचारा, श्रद्धानंद ने ईश्वर वंदना से जोड़कर रचना सुनाई।

काव्य गोष्ठी में कमलेश कुमार पालीवाल, डॉ. एपी जैन, हिमांशी धीमान, फराज बिजनौरी और सुलेख जैन आदि ने भी अपनी रचनाओं से वाहवाही लूटी।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.