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PM Narendra Modi : वर्चुअल संवाद में पीएम नरेन्द्र मोदी ने दी सलाह, आधुनिक कृषि को अपनाने व पारंपरिक कृषि पर जोर

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने वर्चुअल संवाद किया। इसमें आधुनिक कृषि को अपनाने पर जोर दिया गया। अलग-अलग जिलों से चार सौ किसान करनाल के रिसर्च सेंटर में पहुंचे थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 02:20 PM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 02:20 PM (IST)
PM Narendra Modi : वर्चुअल संवाद में पीएम नरेन्द्र मोदी ने दी सलाह, आधुनिक कृषि को अपनाने व पारंपरिक कृषि पर जोर
विशेषज्ञों के साथ वर्चुअल संवाद करते प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी।

करनाल, जागरण संवाददाता। भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से आयोजित कृषक-विज्ञानी वार्ता के दौरान केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों ने किसानों को कृषि संरक्षण के लिए जागरूक किया। इस दौरान जिले के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 400 किसान इन संस्थानों में पहुंचे और फसलों की नई किस्मों की जानकारी हासिल की।

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कृषि विशेषज्ञों ने अपने-अपने संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी दी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्चुअल संबोधन को सुना। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधुनिक कृषि को अपनाने तथा पारंपरिक कृषि से सीखने की सलाह दी गई। जलवायु परिवर्तन से विभिन्न फसलों पर पडऩे वाले प्रभावों से निपटने के विभिन्न युक्तियों, पद्धतियों एवं तकनीकों द्वारा किसानों का मार्गदर्शन किया गया।

करनाल की राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान केंद्र में फसल प्रजाति विमोचन पर कृषक-वैज्ञानिक बैठक का आयोजन किया गया। वर्चुअल संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने रायपुर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के जैविक तनाव पर काम करने के लिए नवनिर्मित संस्थान नेशनल इंस्टिट्यूट आफ बायोटिक स्ट्रेस मैनेजमेंट का उद्घाटन किया। इसके अलावा उन्होंने 35 जैव संपूरित किस्मों का लोकार्पण किया जो देश में पोषण सुरक्षा के दृष्टिकोण से काफी अहम हैं और इसी के साथ देश में अब तक 110 जैव संपूरित किस्मों का विकास किया जा चुका है,जो आने वाले समय में कुपोषण मुक्त भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगी।

देश में 75 जैव संवर्धित किस्मों का विकास हो चुका है

भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान में डा. अनुज कुमार ने बताया कि गेहूं की नई किस्में डीबीडब्ल्यू 303 डीबीडब्ल्यू 222 तथा डीबीडब्ल्यू 187 के बारे चर्चा की गई। अब तक हमारे देश में 75 जैव संवर्धित किस्मों का विकास किया जा चुका है जिनमे गेहूं की 23 किस्में भी शामिल हैं जो किसी एक फसल की सर्वाधिक किस्मे हैं।


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