इंटरनेट मीडिया में छाए टोक्यो पैरालिंपिक में कांस्य पदक विजेता हरविंद्र, बनेंगे गुहला के रोल माडल
टोक्यो पैरालिंपिक में हरविंद्र सिंह ने आर्चरी में कांस्य पदक जीता। कैथल के गांव अजीतनगर निवासी हरविंद्र सिंह को पीएम मोदी और सचिन तेंदुलकर ने बधाई दी। इंटरनेट मीडिया पर देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां दे रही हैं बधाई संदेश।
कैथल, [सुनील जांगड़ा]। कैथल के गांव अजीतनगर निवासी हरविंद्र सिंह ने टोक्यो पैरालिंपिक में तीरंदाजी के रिकर्व इवेंट में देश के लिए कांस्य पदक हासिल किया है। तीरंदाजी में यह देश का पहला पदक है। शनिवार को एसडीएम गुहला नवीन कुमार, जिला खेल अधिकारी सतविंद्र गिल, तीरंदाजी कोच सचिन, कोच डा. राजेश कुमार, कोच गुरमीत सिंह, सुशील कुमार, जसवंत सिंह हरविंद्र के घर पहुंचे।
सबसे पहले एसडीएम ने हरविंद्र के पिता परमजीत और छोटे भाई अर्शदीप को मिठाई खिलाई। उन्होंने स्वजनों को डीसी प्रदीप दहिया की तरफ से बधाई संदेश दिया। हरविंद्र ने देश के लिए तीरंदाजी में पहला पदक लाकर प्रदेश ही नहीं पूरे देश का गौरव बढ़ाने का काम किया है। हरविंद्र सिंह को गुहला सब डिविजन का रोल माडल बनाया जाएगा ताकि दूसरे खिलाड़ी भी उससे प्रेरणा ले सकें।
खेल विभाग अधिकारियों के साथ मिलकर गुहला में तीरंदाजी खेल को पहले से ज्यादा मजबूत किया जाएगा। खिलाडिय़ों को तीरंदाजी के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि वे भी हरविंद्र की तरह पदक ला सकें। बता दें कि घर में जश्न का माहौल चल रहा है। घर पर आकर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेता भी बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। महिलाओं ने घर में गिद्दा डालकर जीत की खुशी मनाई। गांव के लोगों को मिठाई बांटी जा रही है ताकि सभी हरविंद्र की जीत में शामिल हो सकें।
स्वागत के लिए तैयार है जिला प्रशासन
एसडीएम नवीन कुमार ने हरविंद्र सिंह से वीडियो काल करके बधाई दी। बधाई देने के बाद पूछा कि कैथल कब आ रहे हो। जिला प्रशासन उसके स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। जिले के सभी लोगों को आप पर गर्व है। जिला स्तर पर कैथल में सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। हरविंद्र के पिता परमजीत ने भी वीडियो काल से बेटे को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगर शरीर में कोई कमी हो जाए तो हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। युवाओं को हरविंद्र की तरह दृढ़ निश्चय कर लेना चाहिए और अपने आप को कामयाब बनाना चाहिए। इस बार उन्हें बेटे पर पूरा विश्वास था कि वह टोक्यो में पदक लेकर आएगा। हरविंद्र के छोटे भाई अर्शदीप सिंह ने बताया कि बड़े भाई की मेहनत का परिणाम है कि उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया है। पदक के लिए उन्होंने कड़ा अभ्यास किया था।