Farmers Protest : किसानों के आंदोलन का दिख रहा बड़ा असर, प्लाईवुड और मेटल इंडस्ट्री लडख़ड़ाई
किसानों के आंदोलन का असर हरियाणा में दिखने लगा है। आंदोलन की वजह से यमुनानगर की प्लाईवुड और मेटल इंडस्ट्री लड़खड़ा रही है। फेस वीनियर के करीब साढ़े 350 कैंटर जाम में फंसे हैं। वहीं ट्रक भी नहीं लौट रहे।
पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। दिल्ली कूच के दौरान चल रहे किसान आंदोलन का जिला की इंडस्ट्री पर भी असर पड़ा है। इंडस्ट्री के लिए कच्चा माल व अन्य सामान लेकर आने वाले ट्रक बीच रास्ते में फंसे हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि जाम में फंसने व तोडफ़ोड़ की आशंका को देखते हुए कोई भी ट्रक चालक दिल्ली जाने को तैयार नहीं है। इसके अलावा दिल्ली जाने वाली बसों के पहिये भी थम गए हैं। बसें केवल पानीपत तक ही जा रही हैं।
किसानों के आंदोलन से प्लाईवुड इंडस्ट्री को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है। मंडी में कच्चा माल कम आ रहा है और ट्रांसपोर्ट पर भी दस फीसद से अधिक रेट बढ़ गया है। सबसे अधिक दिक्कत बोर्ड के ऊपर लगने वाले फेस वीनियर की आ रही है। फेस वीनियर के करीब साढ़े 350 कैंटर जाम में फंसे हुए हैं। फेस विनियर गुजरात के कांडला से यमुनानगर आना था। इसी तरह से जगााधरी की मेटल इंडस्ट्री में भी कच्चे माल की सप्लाई रूक गई है। आंदोलन में फंस ट्रक वापस नहीं लौट रहे हैं।
बोर्ड के लिए नहीं मिल रहा फेसविनियर : जेके बिहानी
दा यमुनानगर मैन्यूफेक्चर्स प्लाईवुड एसोसिएशन के प्रधान जेके बिहानी ने बताया कि किसानों की हड़ताल से इंडस्ट्री पूरी तरह से प्रभावित है। फेसविनियर के 350 से ज्यादा कैंटर रास्ते में फंसे हैं। यह फेसविनियर गुजरात की कांडला बंदरगाह से यमुनानगर आता है। जिससे फैक्ट्रियों में नया बोर्ड तैयार नहीं हो पा रहा। यह फेसविनियर बोर्ड के ऊपर लगता है। कच्चे माल की आवक भी मंडी में कम हो गई है। क्योंकि दूर से आने वाला कच्चा माल बंद हो गया है। ट्रांसपोर्ट का भी किराया 10 फीसद से ज्यादा की बढ़ोत्तरी है। कच्चे माल का रेट 900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है। यदि हड़ताल लंबी खींचती है तो इंडस्ट्री को काफी नुकसान होगा। तैयार माल के आर्डर भी नहीं भेज पा रहे। कुछ चालकों ने तो सुरक्षा को देखते हुए वाहन ले जाने से मना कर दिया।
फैक्ट्रियों में ही पड़ा है बर्तन : सुंदर लाल बतरा
दा जगाधरी मेटल मैन्यूफेक्चर्स एसोसिएशन के महासचिव सुंदर लाल बतरा का कहना है कि किसानों के आंदोलन से व्यापार प्रभावित होने लगा है। इंडस्ट्री में कच्चे माल की दिक्कत आने लगी है। अधिकतर माल दिल्ली के माध्यम से ही जगाधरी पहुंचता है। आर्डर पर जो बर्तन तैयार किए थे वह फैक्ट्रियों में ही पड़े हैं। वहीं ट्रेन से भी सुचारू रूप से माल नहीं भेज पा रहे।
रोजाना 300 ट्रक जाते हैं दिल्ली: सतपाल रोजी
ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रधान सतपाल सिंह रोजी का कहना है कि यमुनानगर से दिल्ली के लिए रोजाना 300 ट्रक जाते हैं। इतने ही ट्रक वहां से सामान लेकर वापस आते हैं। परंतु किसान आंदोलन से जाने वाले ट्रक सोनीपत, करनाल व अन्य जगहों पर खड़े हैं। दिल्ली से भी ट्रक वापस नहीं आ रहे। इनमें से रोजाना करीब 150 ट्रक में प्लाईबोर्ड जाता है। बाकी ट्रकों में लोहा, सरिया, प्लास्टिक, सब्जी व अन्य सामान होता है। यदि आंदोलन लंबा चला तो ट्रांसपोर्टरों को काफी नुकसान होगा।
दिल्ली जाने वाली बसें भी बंद
किसान आंदोलन के चलते यमुनानगर से दिल्ली जाने वाली बसें भी दो दिन से बंद हैं। बस स्टैंड प्रबंधक अमर ङ्क्षसह बकाना ने बताया कि दिल्ली जाने वाली बसें केवल पानीपत तक जा रही हैं। पानीपत के लिए भी सवारी कम मिल रही है। बसें नहीं चलने से यात्री परेशान हैं। यात्री चालक-परिचालकों से ये भी पूछ रहे हैं कि पानीपत से उन्हें दिल्ली के लिए बस मिल जाएगी या नहीं। इसके अलावा वह रास्ते में जाम में तो नहीं फंस जाएंगे इस तरह की भी पूछताछ की जा रही है। दिल्ली के लिए रोजाना 20 से ज्यादा बसें चलती हैं।