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सेक्टर-18 में मांगा प्लाट, सेक्टर-12 में अलॉट..डीलरों ने बेच भी दिया

जागरण संवाददाता पानीपत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में कथित प्लाट आवंटन

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 07:29 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 07:29 AM (IST)
सेक्टर-18 में मांगा प्लाट, सेक्टर-12 में अलॉट..डीलरों ने बेच भी दिया
सेक्टर-18 में मांगा प्लाट, सेक्टर-12 में अलॉट..डीलरों ने बेच भी दिया

जागरण संवाददाता, पानीपत : हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में कथित प्लाट आवंटन घोटाले में एक और खुलासा हो सकता है। आस्टीज कोटे में सेक्टर-18 में प्लाट के लिए आवेदन किया। नियम को ताक पर रख कर सेक्टर 12 में प्लाट अलॉट कर दिया। प्रॉपर्टी डीलरों ने इसे बेच भी दिया। दोनों जगहों के रेट में तीन गुना का अंतर है। भू स्वामियों ने अब रीअलॉटमेंट की मांग उठा दी है।

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आस्टीज कोटे में कमला ने 2008 में 10 मरले का प्लाट लेने के लिए सेक्टर 18 में आवेदन किया था। खेवट में 75 फीसद से कम भूमि अधिग्रहित होने के कारण पॉलिसी के अनुसार अफसरों ने इसे नामंजूर कर दिया। एचएसवीपी ने वर्ष 2011 में फिर से आवेदन मांगे। कमला ने दोबारा आवेदन कर दिया। आवेदन प्रोफार्मा में इस बार सेक्टर का विकल्प नहीं दिया गया। बयाना के तौर पर 50000 रुपये भी जमा कराने को कहा गया। छह साल बाद 11 सितंबर 2017 को 65759 रुपये (ब्याज सहित) कमला को लौटा दिए। शहर के कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने कमला से 2011-12 में ही सादे कागज पर अंगूठे लगवा लिए। डीलरों ने प्लॉट आवंटन मंजूर करा लिया। कमला को यह पता नहीं चल पाया कि आस्टीज कोटे में इस तरह से फर्जीवाड़ा हो रहा है।

रोहतक में कराया ड्रा

रिसालू निवासी खेवटधारकों के अनुसार, रोहतक में 16 मई 2019 को ड्रा निकाल कर कमला को सेक्टर 12 में दो प्लॉट दिए गए। इसके चार दिन बाद 20 मई को उसके नाम से अलाटमेंट लेटर जारी हो गया। अफसरों ने इसी तिथि को पोजेशन लेटर भी दे दिया। 23 मई को इस प्लॉट को ट्रांसफर करने के लिए आवेदन किया गया। 20 दिन बाद 13 जून 2019 को इसकी अनुमति मिली। उसी दिन री अलाटमेंट भी कर दिया। एक महीने में प्लाट का सारा काम हो गया। खेवट में शामिल लोगों की हाजिरी के बगैर ही कमला के नाम पर अलाटमेंट कर प्लाट ट्रांसफर कर दिया। 15 दिनों के बाद जब इन्हें इस बात का पता चला तो कागजात निकलवा कर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने पूछा, 75 फीसद से ज्यादा भूमि कैसे हुई कोर्ट में लगाई गई याचिका में कोर्ट ने सरकार से पूछा कि खेवट भूमि अब 75 फीसद से ज्यादा कैसे हो गई। बिना हिस्सेदारों से पूछे आगे कैसे रि अलॉटमेंट कर दिया। 14 कैनाल 10 मरले भूमि अधिग्रहित रिसालू गांव में खेवट नंबर 177 और जमाबंदी नंबर 1999-2000 में कुल भूमि 30 कैनाल 12 मरले दिखाई गई है। हशविप्रा ने 14 कैनाल 10 मरले भूमि ही अधिग्रहित की। रिसालू निवासी कमला सेक्टर 29 में अधिग्रहित इसी भूमि में बतौर हिस्सेदार शामिल है। अनियमितता ऐसे हुई -कमला ने 2008 में सेक्टर 18 के लिए आवेदन किया था। 11 साल बाद सेक्टर 12 में प्लाट आवंटित कर दिया। -प्लाट का रेट 2007-08 का ही लगाया। सेक्टर 18 में 5643 रुपये और सेक्टर 11-12 में 6439 रुपये था। -2018-19 में सेक्टर 18 का रेट 21000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर और सेक्टर 12 में 63000 रुपये के हिसाब से दे दिया। -सेक्टर अदला-बदली के खेल में कथित घोटाला हुआ जसबीर का प्लॉट हैप्पी के नाम ट्रांसफर

18 मई 2019 के ड्रा में आस्टीज कोटे के छह प्लाटों के ट्रांसफर के नाम पर 15-20 करोड़ का सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। सेक्टर 12 में जसबीर सिंह के नाम प्लाट अलाटमेंट कर दिया। हिस्सेदारों की हाजिरी नहीं लगी। जसबीर के नाम का प्लाट हैप्पी बंसल, तरुण एंक्लेव पीतमपुरा दिल्ली के नाम पर ट्रांसफर किया गया। दोषी अफसरों पर कार्रवाई करे सरकार

रिसालू निवासी संजय का कहना है कि 16 मई 2019 को किए गए सभी प्लाटों की रि अलाटमेंट रद कर हिस्सेदारों सहित किसानों के नाम पर प्लाट वापस की जाए। सरकार दोषी अफसरों पर कार्रवाई करे।


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