पैरालिंपिक पदक विजेता तीरंदाज हरविंदर के जिले का हाल, गुरु द्रोण-अर्जुन के पास न तीर न धनुष, कैसे निखारेंगे हुनर
हरियाणा के कैथल में खिलाडि़यों और कोच के पास पर्याप्त साधन नहीं हैं। खिलाड़ी अपने स्तर पर कर रहे हैं तीरंदाजी का अभ्यास प्रशिक्षक कर रहे सहयोग। हरविंदर सिंह बोले तीरंदाजी के सामान को लेकर खेल मंत्री से करेंगे अनुरोध।
कैथल, [सुनील जांगड़ा]। खेल कोई भी हो, खिलाड़ी तभी देश का नाम रोशन कर पाएंगे जब उनके पास खेलों का पर्याप्त सामान होगा। कैथल में करीब डेढ़ साल पहले तीरंदाजी प्रशिक्षक सचिन कुमार की नियुक्ति हुई थी। करीब दस महीने से अंबाला रोड स्थित इंडोर खेल स्टेडियम में तीरंदाजी का प्रशिक्षण केंद्र चल रहा है। डेढ़ साल में एक बार भी खेल विभाग की तरफ से तीरंदाजी का सामान नहीं भेजा गया है। अब बिना तीर-धनुष के गुरु द्रोण अर्जुन कैसे तैयार कर पाएंगे।
जिला खेल अधिकारी की तरफ से दो बार लिखित में सामान भेजने को लेकर उच्च अधिकारियों को लिखा हुआ है। टोक्यो पैरालिंपिक तीरंदाजी में हरविंदर सिंह ने देश को पहला पदक दिलवाया है, लेकिन हरविंदर के जिले के खिलाड़ियों तक सामान नहीं पहुंचा है। ऐसे में तीरंदाजी प्रशिक्षक सचिन कुमार और खिलाड़ी अपने स्तर पर ही अभ्यास के लिए तीर-धनुष खरीद रहे हैं। जिले भर में करीब 16 खिलाड़ी तीरंदाजी का अभ्यास करते हैं। खिलाड़ी कम रहने का कारण है विभाग के पास सामान का ना होना।
महंगा आता है तीरंदाजी का सामान
प्रशिक्षक सचिन कुमार ने बताया कि तीरंदाजी एक महंगा खेल है। अच्छे स्तर का धनुष एक लाख से तीन लाख रुपये तक का आता है। ऐसे में कम खिलाड़ी ही इस खेल में आते हैं। अगर खेल विभाग की तरफ से सामान भेजा जाए तो खिलाड़ियों की संख्या भी बढ़ जाएगी। अभ्यास के लिए तीन चीजों की जरूरत होती है तीर, धनुष और टारगेट। डेढ़ सालों में करीब 50 हजार रुपये वे अपने स्तर पर खर्च कर चुके हैं। अभ्यास करने वाले खिलाड़ी वैभव, यमन, अरमान और अंकुश ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर पर ही धनुष खरीदे हैं और अभ्यास कर रहे हैं। उनकी मांग है कि खेल विभाग जल्द से जल्द प्रशिक्षण केंद्र पर तीरंदाजी का सामान उपलब्ध करवाए।
स्टेडियम में जगह की है कमी
तीरंदाजी खिलाड़ियों को 50 मीटर, 70 मीटर और 100 मीटर पर रखे टारगेट पर निशाना लगाना होता है। इंडोर स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिए कोई नियमित जगह नहीं दी गई है। खिलाड़ी कभी स्टेडियम के गेट के पास, कभी हैंडबाल के मैदान में तो कभी इंडोर स्टेडियम की साइड में खाली जगह पर अभ्यास करते हैं।
वे करीब चार सालों से तीरंदाजी में देश के लिए पदक ला रहे हैं। जिले के तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र में सामान का ना होना निराशा की बात है। तीरंदाजी के सामान को लेकर वे खेल मंत्री संदीप सिंह और विभाग के उच्च अधिकारियों से अनुरोध करेंगे।
- हरविंदर सिंह, टोक्यो पैरालिंपिक तीरंदाजी में कांस्य पदक विजेता।
करीब डेढ़ साल से तीरंदाजी का प्रशिक्षण केंद्र चल रहा है। वे दो बार विभाग के उच्च अधिकारियों को तीरंदाजी का सामान भेजने को लेकर लिख चुकी हैं। कुछ दिन पहले अंबाला मंडल की डिप्टी डायरेक्टर को भी इस समस्या के बारे में अवगत करवाया था।
- सतविंद्र गिल, जिला खेल अधिकारी।
कैथल में चल रहे तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र में सामान ना होने की जानकारी मिली है। जल्द ही वहां सामान भेजने को लेकर प्रयास शुरू किया जाएगा। तीरंदाजी का सामान भी महंगा होता है, लेकिन फिर भी विभाग का प्रयास है कि खिलाड़ियों तक खेलों का सामान पहुंचाया जाए।
- पंकज नैन, निदेशक, खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग हरियाणा।