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Pink Bollworm Breakout: जींद में गुलाबी सुंडी का कहर, रधाना गांव में किसानों को नष्‍ट करनी पड़ी कपास की फसल

जींद में गुलाबी सुंडी के कहर की वजह से किसान परेशान हो गए हैं। किसानों ने कपास की फसल को काटना शुरू कर दिया है। वहीं कैथल के कृषि उप निदेशक ने गुलाबी सुंडी से हुए नुकसान की मांगी रिपोर्ट।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 04:53 PM (IST)
Pink Bollworm Breakout: जींद में गुलाबी सुंडी का कहर, रधाना गांव में किसानों को नष्‍ट करनी पड़ी कपास की फसल
गुलाबी सुंडी की वजह से खराब कपास की फसल दिखाता किसान।

जींद, जागरण संवाददाता। नरमा कपास में गुलाबी सुंडी की वजह से काफी नुकसान है। टिंडों के अंदर गुलाबी सुंडी बिनौले का रस चूस रही है। जिससे कपास नहीं खिल रही। रधाना गांव में किसानों ने कपास की फसल को काटना शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि टिंडे खराब हो चुके हैं। कपास नहीं खिल रही है, ऐसे में फसल को काट कर अगली फसल के लिए जमीन को तैयार करेंगे। गांव के निवर्तमान सरंपच नरेश ने बताया कि गांव में करीब 1200 एकड़ में कपास की फसल है। जिसमें गुलाबी सुंडी का प्रकोप है। कई स्प्रे करने के बावजूद गुलाबी सुंडी नियंत्रण में नही आ रही।

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किसानों के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है। इसलिए मजबूरी में फसल काटनी पड़ रही है। करीब 10 किसान फसल काट चुके हैं। बाकि किसान सर्वे के लिए प्रशासन की टीम के आने का भी इंतजार कर रहे हैं। ताकि फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा मिल सके। कपास की फसल सितंबर-अक्टूबर में खिलना शुरू होती है और दिसंबर तक कपास की चुगाई का काम जारी रहता है। लेकिन गुलाबी सुंडी के प्रकोप के कारण किसान समय से पहले ही फसल को काट रहे हैं।

पूरे जिले में है यही स्थिति

गुलाबी सुंडी ने पिछले साल भी कपास की फसल में काफी नुकसान पहुंचाया था। जिले में करीब 65 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल है। ज्यादातर गांवों में कपास में गुलाबी सुंडी का प्रकोप है। पिछले दिनों दुर्जनपुर गांव के किसान उचाना एसडीएम राजेश कौथ से मिले थे।

सभी एसडीओ से मांगी है रिपोर्ट : डीडीए

जिला कृषि उप निदेशक डा. सुरेंद्र मलिक ने बताया कि रधाना में फसल काटने का मामला संज्ञान में नहीं है। गुलाबी सुंडी से कपास की फसल में कहां-कहांं कितना नुकसान है। इसकी विभाग के सभी एसडीओ से रिपोर्ट मांगी है। ये रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।


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