कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पीएचडी का पहली बार ऑनलाइन वाइवा, 20 शोधार्थी योग्य घोषित
यूनिवर्सिटी इतिहास में पहली बार ऑनलाइन वाइवा के 12 शोधार्थी पीएचडी के योग्य घोषित। कोविड की चुनौतियां पर पार पाते हुए निकाला नया रास्ता
कुरुक्षेत्र, जेएनएन। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने कोविड-19 के चलते खड़ी हुई चुनौतियों पर पार पाते हुए पहली बार पीएचडी के 12 शोधार्थियों का ऑनलाइन वाइवा लिया है। आठ का पहले ही वाइवा हो चुका था। इसके आधार पर 20 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि के योग्य घोषित किया गया है।
कुवि प्रशासन ने शोधार्थियों की समस्या को देखते हुए इस बार ऑनलाइन वाइवा लेने का फैसला लिया। कोरोना के दौर में परीक्षकों ने गूगल मीट की मदद से शोधार्थी का वाइवा लिया। लॉकडाउन के हालातों में विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए एक नई राह चुनकर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने कीर्तिमान रच दिया है। विदित है कि लॉकडाउन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय बंद है। 30 जून तक पब्लिक डीङ्क्षलग भी बंद की गई है।
शोधार्थी का कुवि पहुंचना था मुश्किल, परीक्षक भी नहीं थे तैयार
इन हालातों में जब कुवि ने पीएचडी के शोधार्थियों को वाइवा लेने की योजना बनाई तो लॉकडाउन में शोधार्थी का वाइवा देने के लिए पहुंचना ही मुश्किल था। इसमेें दूसरी अड़चन परीक्षक भी इसके लिए तैयार नहीं थे। कुवि ने इसके बाद नया रास्ता निकाला और ऑनलाइन वाइवा लेने का फैसला लिया। कुलपति डा. नीता खन्ना ने भी शोधार्थियों की भलाई के लिए इस पर सहमति जताई।
ये पीएचडी के योग्य घोषित
परीक्षा नियंत्रक डा. हुकम ङ्क्षसह ने बताया कि परीक्षकों के बोर्ड की अनुशंसा पर कुलपति डा. नीता खन्ना ने 20 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि के पात्र घोषित किया है। इनमें होटल मैनेजमेंट से सुमन शर्मा, टूरिज्म मैनेजमेंट से रंजीत कुमार रमन, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियङ्क्षरग से शिल्पी, मैकेनिकल इंजीनियङ्क्षरग से सुनील नैन व विशाल, एनङ्क्षसएंट इंडियन हिस्ट्री, कल्चर एंड आर्कियोलॉजी से दर्शना व जगदीश, संस्कृृत से मनोज कुमार, बायोकैमेस्ट्री से निर्मलजीत कौर, कंप्यूटर साइंस से पूजा, महक व शिल्पी हरनल, जियोग्राफी से पंकज, अप्लाइड जियोफिजिक्स से प्रदीप सांगवान, फिजिक्स से गीता कंधोल, कविता व गुरङ्क्षवद्र ङ्क्षसह, अर्थशास्त्र से अनुपमा, अमनदीप कौर व रूप राज हैं।