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आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में पीएचडी की कक्षाएं शनिवार से होंगी शुरू, इस बार शेड्यूल में ये बदलाव

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में शनिवार से पीएचडी की कक्षाएं शुरू होंगी। इस बाद शेड्यूल में काफी बदलाव किया गया है। इस सत्र में 36-36 घंटे कक्षा लगेगी। पहले छह माह में अनुसंधान विज्ञान विषय विशेष व प्रेजेंटेशन में मिलाकर लेने होंगे 55 फीसद अंक।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 02:48 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 02:48 PM (IST)
आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में पीएचडी की कक्षाएं शनिवार से होंगी शुरू, इस बार शेड्यूल में ये बदलाव
कुरुक्षेत्र श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में कक्षाएं शुरू होंगी।

कुरुक्षेत्र, जेएनएन। प्रदेश में पहली बार आयुर्वेद में पीएचडी शुरू करने वाला श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय शनिवार से कक्षाओं का आरंभ करने जा रहा है। पीएचडी करने वालों में 18 श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक कालेज एवं अस्पताल के शिक्षक हैं, जबकि 32 बाहरी विद्यार्थी हैं। विद्यार्थियों की पहले छह माह में 36-36 घंटे की अनुसंधान विज्ञान और विषय विशेष की कक्षाएं लगेंगी। ऐसे में अगले सत्र में बने रहने के लिए विद्यार्थियों को अनुसंधान विज्ञान, विषय विशेष और प्रेजेंटेशन में मिलाकर 55 फीसद अंक प्राप्त करने होंगे। शनिवार को ओरिएंटेशन प्रोग्राम और अनुसंधान विज्ञान पर एक लेक्चर होने के बाद इसकी कक्षाएं आरंभ हो जाएंगी।

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प्रदेश में पहली बार होगी पीएचडी

आयुर्वेद में बीएएमएस करने के बाद प्रदेश के विद्यार्थियों को पीजी और पीएचडी करने के लिए दूसरे राज्यों की ओर मुंह ताकना पड़ता था। मगर श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय बनने के बाद कुलपति डा. बलदेव धीमान ने सबसे पहले इन्हीं दो विषयों पर काम किया और पहले छह विषयों में पीजी लेकर आए और अब 14 के 14 विषयों में पीएचडी शुरू कराई।

आयुर्वेद पर शोध करेंगे पीजी और पीएचडी के चिकित्सक : कुलपति

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय कुलपति डा. बलदेव धीमान ने कहा कि आयुर्वेद के विद्यार्थियों को यह बहुत बड़ी राहत मिली है। पीजी और पीएचडी करने के लिए दूसरे राज्यों में विद्यार्थियों को जाना पड़ता था। अब विद्यार्थियों को अपने प्रदेश में ही पीजी और पीएचडी करने का मौका मिला है। इससे आयुर्वेद के विषयों पर अनुसंधान भी शुरू होगा। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय का एक ही ध्येय है और वो है आयुर्वेद पर रिसर्च। कोरोनाकाल में देश और दुनिया ने आयुर्वेद के चमत्कार को माना है। ऐसे में इन्हीं चमत्कारों को विज्ञान की दृष्टि से समाज के सामने लाने के लिए पीजी और पीएचडी शुरू की गई है। ये विद्यार्थी औषधियों, बीमारियों पर शोध करेंगे। विवि इसी उद्देश्य से काम कर रहा है। पीएचडी के सभी विद्यार्थियों को मेरी ओर से बहुत बहुत शुभकामनाएं।

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