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कमजोर शरीर का लोग उड़ाते थे मजाक, अब पानीपत के ये युवा हैं नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियन

पानीपत के दोनों खिलाड़ियों का लोग मजाक उड़ाते थे। कहते थे ढंग का शरीर नहीं है। खेल में सफल नहीं हो पाएंगे। अब उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुई नेशनल चैंपियनशिप सब जूनियर व जूनियर पावरलिफ्टिंग में मेडल जीत लाए हैं। लोग अब इनकी प्रशंसा करते हैं।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 08:05 AM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 08:05 AM (IST)
कमजोर शरीर का लोग उड़ाते थे मजाक, अब पानीपत के ये युवा हैं नेशनल पावर लिफ्टिंग चैंपियन
वेट लिफ्टिंग कोच मीनाक्षी ने बताया कि कुलदीप और शिवम नियमित अभ्यास करते हैं। यही उनकी सफलता का राज है।

पानीपत [विजय गाहल्याण]। कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो शारीरिक व आर्थिक बाधाएं टिक नहीं पाती हैं। सफलता कदम चूमती है। ऐसा ही पसीना खुर्द के 16 वर्षीय कुलदीप और तहसील कैंप के 18 वर्षीय शिवम धीमान ने कर दिखाया है। कुलदीप ने 53 किलोग्राम में नेशनल चैंपियनशिप सब जूनियर व जूनियर पावरलिफ्टिंग में एक रजत, दो कांस्य और शिवम ने 53 किलोग्राम में रजत पदक जीता।

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यह प्रतियोगिता 17 से 21 मार्च को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुई। लोग पहले दोनों खिलाड़ियों का मजाक उड़ाते थे कि ढंग का शरीर नहीं है। जीवन में खेल में सफल नहीं हो पाएंगे। अब कामयाबी मिलने पर वे ही तारीफ करते हैं। दोनों खिलाड़ियों ने शारीरिक कमजोरी से पार पाकर सफलता हासिल की। अब वे शिवाजी स्टेडियम में पावर लिफ्टिंग करने वाले बच्चों के लिए प्ररेणा के श्रोत भी बन गए हैं।

हादसे से टूट गया था कंधा, पावर लिफ्टिंग ने खेल कर दिया जिंदा

पसीन खुर्द के कुलदीप बताते हैं कि वे मधुबन पुलिस एकेडमी में अभ्यास करता था। नेशनल में दो स्वर्ण पदक और स्टेट में पांच पदक जीत चुका है। एक साल पहले बाइक के सामने कुत्ता आ गया और बांया कंधा व पैर टूट गया। कुश्ती छूट गई। वजन बढ़ गया। लोग मजाक करते थे। उम्मीद नहीं थी कि जीवन में कभी खेल पाऊंगा। किसान पिता रामकरण शर्मा ने हिम्मत दी और चार महीने पहले शिवाजी स्टेडियम में कोच मीनाक्षी के पास अभ्यास के लिए छोड़ दिया। पहली ही प्रतियोगिता में तीन पदक जीते। पावर लिफ्टिंग ने उनका खेल जिंदा कर दिया।

दुबले शरीर पर उड़ाते थे मजाक, अब ताकतवर बनने के लेते हैं टिप्स

तहसील कैंप के शिवम धीमान ने बताया कि पिता देवेंद्र धीमान आटो चलाते हैं। घर की आर्थिक स्थित कमजोर है। खुराक भी ठीक से नहीं मिल पाती है। लोग उनके कमजोर शरीर का मजाक उड़ाते थे। जिम जाने के लिए रुपये नहीं थे। कोच मीनाक्षी ने उसका कड़ा अभ्यास कराया। वह स्टेट में एक स्वर्ण और दो रजत पदक जीत चुका है। अब मजाक उड़ाने वाले ही उनसे ताकतवर शरीर बनाने के टिप्स लेते हैं।

ये हैं सफलता के राज

वेट लिफ्टिंग कोच मीनाक्षी ने बताया कि कुलदीप और शिवम नियमित अभ्यास करते हैं। उन्हें जो भी तकनीक सिखाई जाती है उसका अनुसरण करते हैं। उनके बारे में कौन क्या कह रहा है परवाह नहीं करते हैं।

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