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मानसिक अवसाद से जूझ रहे लोग, तनाव और अकेलापन बन रहा सुसाइड का कारण

इन दिनों मानसिक अवसाद से लोग जूझ रहे हैं। अकेलापन और तनाव की वजह से लोग आत्‍महत्‍या का रास्‍ता चुन रहे हैं। बीते दिनों अंबाला में छह से ज्‍यादा लोगों ने सुसाइड किया।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 05:37 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 05:37 PM (IST)
मानसिक अवसाद से जूझ रहे लोग, तनाव और अकेलापन बन रहा सुसाइड का कारण
मानसिक अवसाद से जूझ रहे लोग, तनाव और अकेलापन बन रहा सुसाइड का कारण

पानीपत/अंबाला, [सुरेश सैनी]। भागदौड़ की ङ्क्षजदगी में आज हर व्यक्ति तनाव से जूझ रहा है। कोई पारिवारिक समस्या को लेकर परेशान तो कोई काम के बोझ से तो कोई बेरोजगारी के कारण। इस तनाव को बढ़ावा दे रहा है अकेलापन। इसके चलते लोग आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं या फिर ड्रग की चपेट में आ रहे हैं। यही कारण है कि जिला में आत्महत्या जैसे मामले बढ़ रहे हैं। इस साल जनवरी से अब तक आधा दर्जन से अधिक लोग सुसाइड कर चुके हैं।  

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इस साल जिला में इतने लोगों ने किया सुसाइड

पहली घटना : अंबाला शहर के बरनाला गांव में बुजुर्ग दंपति ने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला खत्म कर ली थी। पीडब्ल्यूडी पॉवर सप्लाई विभाग से सेवानिवृत्त मनी ङ्क्षसह ने पंखें से फंदा लगाकर, जबकि उनकी पत्नी कुलवंत कौर ने सल्फास की गोलियां खाकर सुसाइड कर लिया था। 

दूसरी घटना : दुर्गानगर की रहने वाली पूजा ने हर्बल पार्क में जाकर सल्फास खाली थी। तबीयत खराब होने के बाद उसे चंडीगढ़ 32 रेफर किया, जहां उसने दम तोड़ दिया था। मृतका के पास से मिले पर्स में एक सुसाइड नोट भी मिला था जिसमें उसने खुदकुशी करने का आरोप ससुराल पक्ष के खिलाफ लगाया है। 

तीसरी घटना : छावनी के कच्चा बाजार की रहने वाली महिला नीतू ने सल्फास की गोलियां खाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली थी। उस वक्त पता चला था कि महिला ने सुसाइड नोट भी लिखा था। 

चौथी घटना : इसी तरह दहेज उत्पीडऩ से परेशान होकर गांव लुख्खी निवासी विवाहिता प्रीति ने संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था। पड़ाव थाना पुलिस ने इस संबंध में पिता रमेश कुमार की शिकायत पर महिला के पति पवन के खिलाफ धारा 304बी के तहत केस दर्ज किया हुआ है।  

पांचवीं घटना : नारायणगढ़ के कालाअंब में मुजफरनगर के नरोतपुर निवासी अरुण कुमार ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। युवक कालाअंब दुर्गा कालोनी में अपने परिवार के साथ रहता था। उसके परिजनों ने पुलिस को दिये बयान में बताया था कि वह लॉकडाउन के कारण मानसिक तौर पर परेशान था। 

छठी घटना : इसी तरह बराड़ा के गांव कंबासी में 30 वर्षीय युवक लक्की ने आत्महत्या कर ली थी। पता चला था वह अकसर शराब पीकर अपने मां-बाप, पत्नी व बच्चों से मारपीट करता था। बीते दिवस लक्की अपने ससुराल में गया हुआ था। वहां उसने पंखे की हुक से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।  

सातवीं घटना : वहीं मुलाना के एमएम अस्पताल में कोविड 19 यूनिट में उपचाराधीन कोरोना संक्रमित 58 वर्षीय कपड़ा व्यापारी ने सुसाइड करने कर लिया था। मृतक ने आत्महत्या करने से पहले अपने भाई को वाट््सअप मैसेज भेजकर कहा था कि मुलाना में इलाज ठीक नहीं हुआ। इसके बाद कोरोना पॉजिटिव मरीज ने मुलाना मेडिकल कालेज अस्पताल के बाथरूम में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था।  

आठवीं घटना : इसी प्रकार गांव धन्यौड़ी का 20 वर्षीय युवक अपने हंसते खेलते परिवार के साथ रह रहा था। कुछ दिन से युवक मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। मामले में तब ओर नाजुक हालात हो गये, जब एक महिला उनके घर आयी और युवक पर कुछ आरोप लगा दिये। यह बात सहन नहीं कर पाया और घर के पास एक बाड़े में पेड़ से रस्सी के साथ फंदा लगाकर जान दे दी थी। 

नौवीं घटना : वहीं कुछ दिन पूर्व अंबाला सेंट्रल जेल में साहा के 31 वर्षीय कैदी सुनील कुमार और बलाना के 35 वर्षीय हवालाती रामदास ने चादर के साथ फंदा बनाकर अपनी जान दे दी थी। इसी तरह महेश नगर थाना क्षेत्र के तहत खुड्डा खुर्द की रहने वाली विवाहिता प्रीति ने अपने कमरे की छत से फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था।  

दसवीं घटना : अभी कुछ दिन पूर्व अंबाला शहर के दो खंभा चौक नजदीक बहल अस्पताल के रहने वाले 29 वर्षीय युवक कृष्ण ने पंखे की कुंडी से चुन्नी का फंदा लगाकर जान दे दी थी। घटना के बारे में परिजनों को तब पता चला जब आवाज लगाने पर कोई रिस्पोंस नहीं दिया।

मानसिक तनाव को लेकर काफी मामले सामने आ रहे हैं। लोग अलग-अलग कारणों से तनाव में है। काउंसिलिग में मरीज के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों को भी जोड़ा जाता है। व्यवहार में परिवर्तन होना मुख्य लक्षण है। मानसिक तनाव व अकेलापन के कारण तनाव बढ़ रहा है। यही सुसाइड का कारण होता है। इस स्थिति में व्यक्ति पूरी तरह से डिप्रेशन में चला जाता है और सोचने की शक्ति खत्म हो जाती है।  

-डॉ. रवि, मनोचिकित्सक, कृष्ण डाइग्नोस्टिक इइजी सेंटर, अंबाला। 


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